Arhar Varieties : अरहर (तुअर) की प्रमुख उन्नत किस्में, जानिए इन किस्मों की विशेषताओं और पैदावार के बारे में
Arhar Varieties : अरहर (तुअर) की प्रमुख उन्नत किस्में, जानिए इन किस्मों की विशेषताओं और पैदावार के बारे में
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अरहर (तुअर) खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख दलहनी फसल है। जहां तक अरहर की उन्नत किस्मों की बात है तो इसकी उन्नत खेती और अच्छी उपज के लिए उन्नत किस्मों का चुनाव करना आवश्यक है। जून के महीने में बारिश के बाद अरहर की बुवाई शुरू हो जाती है, लेकिन कई बार सही बीज न बोने के कारण कई तरह के रोग लग जाते हैं. ऐसे में अरहर की उन्नत किस्में अपनाकर किसान अरहर की फसल को बीमारियों से बचा सकते हैं। अरहर में बोने से पूर्व बीज को दो ग्राम थीरम या एक ग्राम कार्बेन्डाजिम, एक किलोग्राम बीज से उपचारित करना चाहिए, तत्पश्चात बोने से पूर्व राइजोबियम कल्चर के एक पैकेट को 10 किलोग्राम बीज उपचारित कर खेत में बोना चाहिए। जिस खेत में पहली बार अरहर की बुवाई की जा रही हो वहा पर कल्चर का प्रयोग बहुत जरूरी होता है।

अरहर की उन्नत किस्में वर्ष 2014-23 के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने अरहर की उन्नत किस्मों का विकास किया है। उच्च उपज के अलावा ये नवीन किस्में, बीमारियों एवं कीटों के लिए प्रतिरोधक, कम नमी तथा उच्च तापमान के प्रति सहनशील एवं उच्च गुणवत्ता वाली है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित अरहर की फसल की उन्नत किस्मों का विवरण निम्नलिखित है:

1. पूसा 991
  • क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित
  • औसत पैदावारः 16.5 क्विं / हे.
  • परिपक्वताः 142 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: जल्दी पकने वाली एवं अरहर-गेहूँ फसल चक्र हेतु उपयुक्त।
2. पूसा 992
  • क्षेत्र: उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित
  • औसत पैदावारः 16.5 क्विं /हे.
  • परिपक्वताः 140 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: अर्ध-फैलाव एवं जल्दी पकने वाली एवं अरहर गेहूँ फसल चक्र हेतु उपयुक्त। 
3. पूसा 2001
  • क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित
  • औसत पैदावारः 18.7 क्वि/ हे.
  • परिपक्वताः 140 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: जल्दी पकने वाली मानसून से पूर्व बुआई हेतु उपयुक्त, उकठा, ब्लाइट एवं स्टेरिलिटी मौजेक रोगों के प्रति सहनशील।
4. पूसा 2002 
  • क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिचित
  • औसत पैदावार: 17.7 क्विं / हे
  • परिपक्वताः 143 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: अर्ध-फैलाव एवं जल्दी पकने वाली एवं अरहर - गेहूँ फसल चक्र हेतु उपयुक्त।
5. पूसा अरहर 16
  • क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित
  • औसत पैदावार : 19.8 क्विं /हे
  • परिपक्वताः 120 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: अति शीघ्र पकने वाली किस्म, सरसों, गेहूँ, आलू की अनुगामी फसल हेतु आसान छिड़काव एवं उच्च घनत्वरोपण के लिए उपयुक्त।
6. पूसा अरहर 151
  • क्षेत्रः उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः वर्षा आधारित
  • औसत पैदावार : 20.8 क्यि /हे.
  • परिपक्वताः 241 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: उकठा एवं स्टेरिलिटी मौजेक रोगों के लिए प्रतिरोधी तथा रुट नॉट निमेटोड प्रतिरोधी।
7. पूसा अरहर 2017.1
  • क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति: सिंचित
  • औसत पैदावारः 21.1 क्विं /हे.
  • परिपक्वताः 122 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: शीघ्र पकने वाली किस्म, मध्यम टाइप. सघन सेमी-इरेक्ट प्लांट टाइप, उच्च घनत्वरोपण एवं एकल फसल के लिए उपयुक्त।
8. पूसा अरहर 2018.2
  • क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति: सिंचित
  • औसत पैदावारः 20.9 क्विं /हे
  • परिपक्वताः 133 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: शीघ्र पकने वाली किस्म, मध्यम टाइप, सेमी-इरेक्ट, सघन प्लांट टाइप। 
9. पूसा अरहर 2018.4 
  • क्षेत्रः उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, 
  • ऋतुः खरीफ, 
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित, 
  • औसत पैदावार: 16.7 क्विं/ हे., 
  • परिपक्वताः 143 दिन, 
  • मुख्य विशेषताएं: मोटा दाना एवं प्रोटीन (22.8%)।