मक्का की खेती में लगने वाला हानिकारक कीट, जानें मक्के में सूंडी नियंत्रण का सटीक उपाय
मक्का की खेती में लगने वाला हानिकारक कीट, जानें मक्के में सूंडी नियंत्रण का सटीक उपाय
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किसान भाइयों, मक्का एक बहुपयोगी खरीफ, रबी, और जायद तीनों ऋतुओं में बोई जाने वाली फसल है। और इसमें कार्बोहाइड्रेट 70, प्रोटीन 10 और तेल 4 प्रतिशत होता है। जिसके कारण इसका सेवन मनुष्य के साथ-साथ पशु आहार के रूप में भी किया जाता है। औद्योगिक दृष्टिकोण से बात करें तो इसका इस्तेमाल मुर्गी दाना में भी किया जाता है। लेकिन इन सभी गुणों के होते हुए भी अन्य फसलों की तरह इसमें भी हानिकारक कीड़ों का खतरा बना रहता है।

वर्तमान समय में आप देशी या हाईब्रिड मक्का की खेती कर रहे होंगे तो मक्का में होने वाली इस समस्या से आप परिचित होंगे। मक्के में सुंडी या इल्ली की समस्या मक्के की मुख्य समस्या है जिससे भारी मात्रा में नुकसान होता है।

मक्के की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और कृषि उपज मंडियों में मक्के की मांग लगातार बढ़ती रहती है, ऐसे में आपको भी मक्के से बेहतरीन उत्पादन प्राप्त कर भारी मुनाफा कमाना चाहिए, लेकिन, इल्ली या सूंडी के कारण ये इतना आसान नहीं हो पाता है, ऐसे में आपको इसका बेहतरीन और जल्दी नियंत्रण करना चाहिए। 

अब सवाल ये है की इसे नियंत्रित करें कैसे ?
किसान भाइयों इसके पूर्ण नियंत्रण के लिए आप रासायनिक कीटनाशक के रूप में फ्लूबेंन्डामाइट 20 डब्लू डी जी 250 ग्राम प्रति हेक्टयर या स्पाइनोसेड 15 ईसी, 200 – 250 ग्राम प्रति हेक्टयर या इथीफनप्राक्स 10 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टयर या एमिमामेकिअन बेंजोएट 5 एस.जी. का 200 ग्राम प्रति हेक्टयर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15 – 20 दिन के अन्तराल पर 2 से 3 छिड़काव करें अथवा कार्बोफुरान -3 जी 2- 3 किलोग्राम प्रति हेक्टयर का उपयोग करें। यह इल्ली की समस्या को पूर्ण खत्म कर उपज में वृद्धि करेगा।