जानिए टमाटर की फसल में लगने वाला प्रमुख रोग पछेती झुलसा के लक्षण और रोकथाम के उपाय
जानिए टमाटर की फसल में लगने वाला प्रमुख रोग पछेती झुलसा के लक्षण और रोकथाम के उपाय
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हमारे देश में उगाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियों में टमाटर का प्रमुख स्थान है। टमाटर की खेती साल भर की जा सकती है। उत्पादन की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण सब्जी है। अक्सर टमाटर की फसल विभिन्न रोगों के कारण नष्ट हो जाती है। टमाटर की फसल का एक प्रमुख पछेती झुलसा रोग है। ये रोग इस फसल की विभिन्न अवस्थाओं में प्रकट होते हैं। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यदि किसान समय रहते इन बीमारियों से बचाव के उपाय कर लें तो इससे होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है।

पछेती झुलसा रोग का लक्षण


पछेती झुलसा रोग का प्रमुख रोगज़नक़ फाइटोफ्थोरा इन्फेसटेन्स है। इस रोग के लक्षण ज्यादातर अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में पत्तियों पर गहरे भूरे रंग के धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं, जो बाद में भूरे काले धब्बों में बदल जाते हैं। नम और ठंडे मौसम में ये धब्बे फैलने लगते हैं और 3-4 दिनों में पौधे पूरी तरह से झुलस जाते हैं। फलों पर गहरे भूरे रंग के धब्बे भी दिखाई देते हैं।

रोकथाम के उपाय
  • पत्तियों एवं तने पर पछेती झुलसा रोग सितम्बर माह के पहले सप्ताह में फसल पर मैन्कोजेब (25 ग्रा./10ली. पानी) का छिड़काव करें तथा इसके उपरांत मेटालैक्सिल + मैन्कोजेब (25 ग्रा./ 10 ली. पानी) या साइमोक्जानील + मैन्कोजेब (25 ग्रा./10 ली. पानी) का 7 से 10 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करें।
  • पछेती झुलसा की रोकथाम हेतु आवश्यकतानुसार एजोक्सीस्ट्रोबीन 23 प्रतिशत एस. सी. 125 सक्रिय तत्व प्रति है या एजोक्सीस्ट्रोबीन + डाइफेनकोनाजोल 0.03 प्रतिशत या मन्डीप्रोपानीड 23.4 एस.सी. 0.02 प्रतिशत सक्रिय तत्व की दर से छिड़काव करें। 
  • फसलचक्र को अपनाएं और खेत में उपयुक्त जल के निकास का प्रबंध करें तथा फसल को खरपतवार से मुक्त रखें।