जानिए अप्रैल माह में किये जाने प्रमुख कृषि कार्य
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- गेहूँ की कटाई ठीक समय पर करें।
- थ्रेशर में कार्य करते समय दुर्घटना से बचने के लिए कसे कपड़े पहनें।
- रबी फसलों की कटाई के पश्चात अवशेषों को जलाने की बजाय तुरंत गहरी जुताई कर दें।
- समय से कराएं खेत की मिट्टी की जांच: इस महीने खेत खाली होने पर मिट्टी की जांच जरूर कराएं। तीन वर्षों में एक बार अपने खेतों की मिट्टी परीक्षण जरूर कराएं ताकि मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों (नत्रजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, लोहा, तांबा, मैंगनीज व अन्य) की मात्रा और फसलों में कौन सी खाद कब व कितनी मात्रा में डालनी है, का पता चले का पता चले। मिट्टी जांच से मिट्टी में खराबी का भी पता चलता है ताकि उन्हें सुधार जा सके। जैसे कि क्षारीयता को जिप्सम से, लवणीयता को जल निकास से तथा अम्लीयता को चूने से सुधारा जा सकता है।
- कदूवर्गीय सब्जियों में फल मक्खी से रोकथाम हेतु फूल आने से पहले डाईमिथोएट एवं फूल आने के बाद मेलाथियॉन 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- नींबूवर्गीय फलदार पौधों में फल गिरने की रोकथाम हेतु प्लेनोफिक्स 1 मि.ली. प्रति 5 लीटर पानी का घोल बना कर छिड़काव करें।
- तरबूज व खरबूजे के फलों को पकने पर ही तोड़ें। फल के पास तंतु का सूखना, बजाने पर डल आवाज़ आना तथा बेली के रंग में परिवर्तन होना आदि फलों के पकने के संकेत हैं।
- टमाटर एवं मिर्च में हरा तेला, सफेद मक्खी एवं पर्ण जीवी कीटों के नियंत्रण हेतु एसिफेट 75 एस.पी. 1 ग्राम पर लीटर पानी या ईमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 3 मि.ली. प्रति 10 लीटर का छिड़काव करें।
- नोट: जैविक खेती करने वाले किसान भाई जैविक कीटनाशकों या देसी कीटनाशक का प्रयोग करें।
- खाली खेतों में गर्मी की गहरी जुताई करें।
- अनाज की सफाई व ग्रेडिंग हेतु ग्रेडिंग मशीन का प्रयोग करें। अनाज भण्डारण उन्नत कोठियों में करने से पूर्व अनाज तेज़ धूप में पूर्णरूप से सुखा लेवें।
- ग्रीष्मकालीन चारे के लिए ज्वार, मक्का, लोबिया की बुवाई करें।
- पशुओं को कृमि नाशक दवा पिलायें।