इंदौर. गुलाब के पौधे से एक-एक कली को काटा जा रहा है। रविवार का दिन है और फ्रेंडशिप डे भी। इंदौर से फूल व्यापारियों की लगातार मांग आ रही है। किसान का पूरा परिवार गुलाब की कलियां जमा करने में लगा है। कुछ लोग उनकी पैकिंग में लगे हैं। यह सांवेर के किसान कृष्णराव श्यामराव घाडगे के खेत पर हो रहा है।
उनका कहना है शनिवार को पांच हजार कलियां इंदौर भेजी थीं, अब फिर मांग आई है और पांच हजार कलियां भेज रहे हैं। घाडगे ने अपने 15 बीघा के खेत में से दो बीघा में कुछ माह पहले ही पॉली हाउस बनाकर गुलाब की खेती शुरू की है। उनकी पत्नी मिलन घाडगे कहती हैं कि गुलाब की खेती ने उनके परिवार के चेहरे पर भी मुस्कान बिखेर दी है। अब आसपास के किसान भी पॉली हाउस देखने आते हैं। कुछ किसानों ने बैंक से लोन मंजूर करा लिया है और वे अब फूल और सब्जियों की खेती पॉली हाउस में करेंगे। अभी वे गुलाब की खेती से हर दिन 10 हजार रुपए तक कमा लेते हैं।
घाडगे ने बताया कभी बारिश तो कभी सूखा, इसके चलते फसलों को हर बार काफी नुकसान हो जाता है। करीब एक साल पहले पुणे गया तो वहां फूलों की खेती देखी, उसे सीखा और यहां बैंक से 38 लाख का लोन लेकर दो बीघा में पॉली हाउस बनाकर गुलाब की खेती शुरू कर दी। इंदौर में गुलाब नासिक, पुणे से आते हैं और यहां काफी खपत होती है। हर दिन औसतन तीन हजार गुलाब की कलियां वे इंदौर आकर फूल व्यापारियों को देते हैं। पूरा सौदा नकद का, कलियां दीं और रुपए लिए।
कलेक्टर भी देखने गए थे पॉली हाउस
किसान की खेती की जानकारी मिलने पर गुरुवार को कलेक्टर पी. नरहरि भी उसका पॉली हाउस देखने पहुंचे थे। उन्होंने अन्य किसानों को भी ऐसी खेती करने के लिए कहा। कलेक्टर ने कहा- जिले में इस तरह के पॉली हाउस से अलग-अलग तरह के फूल, सब्जियों की खेती की संभावनाएं हैं। काफी सामग्री अभी बाहर के राज्यों से आ रही हैं, खेती होने से किसानों, व्यापारियों को लाभ होगा, वहीं आम लोगों को भी कम कीमत में सामग्री मिलेगी।