मॉस्को/ताशकंद. दो मध्य एशियाई देशों के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर बुधवार को उफा पहुंचेंगे। जहां 10 जुलाई को मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात हो सकती है। एससीओ संगठन में छह देश - चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं। भारत एससीओ का मेंबर नहीं है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने पीएम मोदी को इस कॉन्फ्रेंस में न्योता दिया है। भारत एससीओ में ऑब्जर्वर है और इसकी मेंबरशिप पाने की कोशिश कर रहा है।
मंगलवार को मोदी ने भारत और मध्य एशिया की समृद्धि के लिए आपसी साझेदारी बढ़ाने पर बल देते हुए भारत और इन देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ मजबूत सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में नजरबायेव यूनिवर्सिटी में छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा, "भारत और मध्य एशिया एक-दूसरे के बिना अपनी पूर्ण क्षमताओं का दोहन नहीं कर सकते और ना ही हमारे लोग और क्षेत्र हमारे सहयोग के बिना सुरक्षित हो सकते हैं।" मोदी ने कहा कि भारत के 80 करोड़ युवा 7.5 प्रतिशत की दर से आर्थिक प्रगति के साथ विश्व में नई संभावनाएं लाए हैं, जबकि मध्य एशिया में प्रचुर मात्रा में संसाधन, प्रतिभा संपन्न लोग, तीव्र प्रगति एवं रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति है। उन्होंने कहा कि भारत दोनों क्षेत्रों की समृद्धि के लिए निवेश और साझेदारी के लिए तैयार है।
ताशकंद में उज्बेक भाषा में की भाषण की शुरुआत
कजाखस्तान पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में भारतीयों को संबोधित किया। उन्होंने भाषण की शुरुआत उज्बेक भाषा में की। उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने कहा, “ अगर किसी देश में वहीं की लैंग्वेज में बात की जाए तो वहां के लोगों को लगता है कि जैसे कोई अपना मिल गया है। मोदी ने कहा, “इस दुनिया में दो ही बातें ऐसी हैं जिनकी पूरी दुनिया में एक ही भाषा है। हंसना और रोना। इनकी भाषा कभी अलग नहीं हो सकती। ” मोदी को सुनने के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और टीचिंग फैकल्टीज भी मौजूद रहीं। भारतीय समुदाय से मुलाकात के बाद मोदी ने पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उज्बेकिस्तान में करीब 3,000 भारतीय हैं।
राष्ट्रपति को भेंट किया खुसरो का काव्य संग्रह
इससे पहले सोमवार को दौरे के पहले दिन पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम कारिमोव से मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने उन्हें प्रमुख कवि अमीर खुसरो का काव्य संग्रह 'ख़म्स-ए-खुसरो' (Khamsa-i-Khusrau) भेंट किया। वो उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री शौकत मिरोमोनोविच मिर्जीयोएव से भी मिले। पीएम मोदी ने अंग्रेजी और ट्वीट कर कहा, "शानदार स्वागत के लिए प्रधानमंत्री शौकत मिरोमोनोविच मिर्जीयोएव का धन्यवाद। यहां आकर अच्छा लगा।" यहां भारतीय भाषा को प्रमोट करने के लिए दोनों देश के पीएम ने आज उज्बेक- हिन्दी डिक्शनरी का अनावरण किया है। बता दें कि देश भर में 6 उज्बेक एजुकेशनल संस्थान भारतीय भाषाओं को पढ़ाते और प्रमोट करते हैं, खासकर हिन्दी प्राइमरी से पोस्ट-ग्रेजुएट लेवल तक एक सब्जेक्ट के रूप में शामिल है। उज्बेक रेडियो पिछले 53 वर्षों से हिन्दी ब्रॉडकास्टिंग कर रहा है। इतना ही नहीं यहां के टीवी चैनल पर रामायण और महाभारत सीरियल का प्रसारण एक से अधिक बार हो चुका है।
छह देशों की यात्रा पर हैं पीएम
पीएम मोदी रूस और पांच मध्य एशियाई देशों उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान की यात्रा पर गए हैं। दो मध्य एशियाई देशों के दौरे के बाद ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने वे रूस के उफा शहर जाएंगे। वहां से वापसी में वे तीन अन्य मध्य एशियाई देशों का दौरा करेंगे। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सदस्य राष्ट्र हैं। इस दौरान 10 जुलाई को मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात हो सकती है। उनका यह दौरा 6 से 13 जुलाई तक चलेगा। दो दिन के उज्बेकिस्तान दौरे के बाद पीएम मोदी 7-8 जुलाई को कजाख्स्तान में होंगे। इसके बाद वे रूस के उफा शहर की ओर उड़ान भरेंगे। उफा से वापसी में वह 10-11 जुलाई को तुर्कमेनिस्तान, 11-12 जुलाई को किर्गिस्तान और 12-13 जुलाई को तजाकिस्तान का दौरा करेंगे।