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श्री मुक्तसर साहिब ज़िला, जिसे मुक्तसर ज़िला भी कहा जाता है, भारत के पंजाब राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय श्री मुक्तसर साहिब है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

दूध और दूध उत्पाद को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को दूध और दूध उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

स्थानीय उत्पादों को उनकी पहचान के साथ अब देश भर में पहुंचाने के लिए केंद्र व पंजाब सरकार ने मिलकर काम शुरू कर दिया है। स्थानीय उत्पादों को प्रसंस्करण कर लघु उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योग योजना शुरू हो गई है। योजना के तहत पंजाब के सभी जिलों में 167 लघु उद्योग लगाए जाने हैं। पांच वर्षीय इस योजना के पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 306 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

योजना को लेकर फरीदकोट में महाप्रबंधक फूड प्रोसेसिंग पंजाब एग्रो की जिले के अधिकारियों व 40 उद्योग प्रमुखों के साथ बैठक हुई। बैठक में विभाग की अधिकारी हरमन जीत कौर ने बताया कि विभिन्न आंकड़ों के जुटाने के बाद प्रदेश के जिलों से उनके प्रोडेक्ट को प्रोसेसिंग के लिए चुना गया है। फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, मानसा व एसएएस नगर को दूध व दूध से बने उत्पादों के लघु उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए चुना है।

भारत कृषि प्रधान देश है तथा भारत में रहने वाले हर व्यक्ति का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गाँव से नाता है। आज भी लगभग 65 से 70 प्रतिशत लोग गाँव में निवास कर रहे हैं। रोजगार की तलाश करने वालों में जहाँ शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले युवक है वहीं बड़ी संख्या में ग्रामीण नवयुवक भी रोजगार की तलाश कर रहे हैं।शहरी एवं ग्रामीण दोनो क्षेत्रों में निवास करने वाले नवयुवकों के लिये स्वरोजगार का रास्ता चुनने में डेयरी उद्यम उपयोगी साबित हो सकता है विशेषकर जो लोग ग्रामीण परिवेश से आतें है उनके लिये इस उधम को चुनने में ज़्यादा कठिनाई नहीं है क्योंकि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती या पशुपालन से जुड़े होते है। दूध की आवश्यकता मानव की प्राथमिक आवश्यकताओं में शामिल है तथा भारत के लोग दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे घी, मक्खन, मावा, दही, छाछ का उपयोग ख़ूब करते है तथा ये उत्पाद लोगों के दैनिक भोजन में भी शामिल हैं।

पंजाब सरकार फ़सलीय विविधता अधीन नौजवानों को स्व-रोजग़ार के तौर पर डेयरी फार्मिंग का व्यापार स्थापित करने के लिए गाँव स्तर पर दूध उत्पाद बनाने, दुधारू पशुओं की खरीद, दूध दुहने की मशीनों और बछड़ों के पालन के लिए 25 से 33 प्रतिशत सब्सिडी मुहैया करवाएगी।

इस संबंधी और जानकारी देते हुए पशु पालन, डेयरी विकास एवं मछली पालन मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि राज्य में डेयरी फार्मिंग को लाभप्रद धंधा बनाने के लिए व्यापक स्तर पर नीति बनाई जा रही है जिस अधीन राज्य के हर जिले में से 500 बेरोजगार नौजवानों को डेयरी फार्मिंग द्वारा स्व -रोजग़ार दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से डेयरी फार्मिंग के साथ जुड़े किसानों और नौजवानों के लिए दूध की लागत अनुसार कीमत और दूध के उपभोग के लिए दूसरे राज्यों में मार्किटिंग स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

मुक्तसर की मिट्टी रेतीली से दोमट बनावट में भिन्न होती है , और कार्बनिक कार्बन , फास्फोरस , जस्ता और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों में कम होती है, लेकिन पोटेशियम में उच्च होती है । मुक्तसर की नमक प्रभावित मिट्टी को सॉडिक मिट्टी और लवणीय सोडिक मिट्टी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।  शहर के आसपास के गांवों में कपास , गेहूं , धान और बीज के तेल की उच्च पैदावार होती है।

Sri Mukatsar Sahib जिले की प्रमुख फसलें