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सिरोही राजस्थान का पर्वतीय एवं सीमावर्ती जिला हैं। पहलें सिरोही रियासत बड़ी रियासतों में अपना स्थान रखती थी। देश आजाद होने के बाद अब इसको जिला बना दिया है।

सिरोही, राजस्थान (भारत) में सौंफ- (मसाला, माउथ फ्रेशनर, फ्लेवर और चीनी के लिए सफाई, ग्रेडिंग, छँटाई और पैकेजिंग) को एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित किया गया। 

सौंफ के लिए राजस्थान में सबसे उपयुक्त जगह सिरोही ही है। वैसे प्रदेश में सिरोही के अलावा जालोरए जोधपुर और अजमेर के कुछ हिस्सों में भी सौंफ की खेती की जाती है लेकिन सिरोही में सौंफ की खेती का तरीका सबसे जुदा है। सौंफ को छाया में सुखाने के कारण इसकी महक सालों तक वैसी ही रहती है। चमक भी बेहतरीन होती है।

राष्ट्रपति भवन तक बनाई पहचान
सौंधी खुशबू से पहचान बनाने वाली आबू की सौंफ की महक राष्ट्रपति भवन तक भी पहुंच चुकी है। कुछ साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में भी इसके पौधे लगाने की इजाजत दी। मुगल गार्डन में यह आबू सौंफ.440 के नाम से पहचान बना रही है। मुगल गार्डन में देश के विभिन्न प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले पौधे ही लगाए जाते हैं।

सौंफ की खेती मुख्य रूप से मसाले के रूप में की जाती हैI सौंफ के बीजो से ओलेटाइल तेल  (0.7-1.2 %) भी निकाला जाता है, सौंफ एक खुशबु धार बीज वाला मसाला होता है | सौंफ के दाने आकार में छोटे और हरे रंग के होते है | आमतौर पर इसके छोटे और बड़े दाने भी होते है | दोनों में खुशबु होती है |
सौंफ का उपयोग आचार बनाने में और सब्जियों में खशबू और स्वाद बढाने में किया जाता है | इसके आलावा इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है | सौंफ एक त्रिदोष नाशक औषधि होती है|
भारत में सोंफ को राजस्थान ( सिरोही, टोंक ) , आंध्रप्रदेश , पंजाब , उत्तरप्रदेश , गुजरात , कर्नाटक और हरियाणा के भागों में उगाया जाता है | इन क्षेत्रों में सौंफ का अधिक मात्रा में उत्पादन होता है |

सौंफ के तेल का उपयोग
सौंफ के तेल का उपयोग साबुन और शेम्पू में सुगंध लाने के लिए किया जाता है | लेकिन इस तेल का अधिक उपयोग पकवान और मिठाई को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है |

सौंफ के लिए जलवायु
इसकी खेती शरद ऋतु में अच्छी तरह से की जाती है सौंफ की खेती के लिए शुष्क और ठंडी जलवायु सबसे उत्तम होती है | इस जलवायु में पौधे की वृद्धि उचित प्रकार से होती है | सौंफ की अच्छी उपज केवल मौसम पर ही आधारित होती है | फसल पकते समय शुष्क जलवायु की आवश्यकता पड़ती हैI

सौंफ के लिए भूमि
इसकी खेती सभी प्रकार की मिटटी में की जा सकती है | लेकिन इसकी खेती के लिए दोमट मिटटी सबसे उत्तम मानी जाती है | इसके आलावा चुने से युक्त बलुई मिटटी में भी इसकी खेती की जा सकती है| इसकी अच्छी फसल लेने के लिए भूमि में से पानी का उचित निकास आवश्यक है | रेतीली मिटटी में इसकी खेती नही की जा सकती |