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मध्य प्रदेश सरकार के उद्यानिकी विभाग द्वारा फलों के उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य प्रायोजित “फल क्षेत्र विस्तार योजना” के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित किए हैं | एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत विभिन्न फलों की बागवानी के लिए अलग-अलग जिलों का चयन किया गया है |

जिले में बडी मात्रा में अमरुद का उत्पादन होता है इसलिए योजना के तहत अमरुद का चयन हुआ है।

फूड प्रोसेसिंग और कृषि इंडस्ट्रीज को बढाने देने के लिए भारत सरकार द्वारा पीएमएफएमई योजना शुरु की गई है जिसके जिले में अमरुद का बगीचा रखने वाले किसानों को 30 लाख से 2 करोड तक ऋण उपलब्ध होगा। कच्चे की प्रोसेसिंग, मशीनरी, पैकेजिंग और बडे बाजारों तक माल पहुंचाने के लिए किसानों को लोन दिया जाऐगा।

जिले में अच्छी और उन्नत किस्म का अमरुद बडी मात्रा में पैदा होता है। सीहोर, नसरुल्लागंज और बुधनी क्षेत्र से अमरुद बाहर की मंडियों में जाता है इंदौर,भोपाल, देवास, होशंगाबाद की मंडियों में सीहोर के अमरुद को पसंद किया जा रहा है। इलाहबादी सफेदा, लखनबी 27, धारीवाला, चिठठीदार जैसे किस्मों के अच्छे दाम मिलते हैं। जिले में वर्तमान में अमरुद का कुल रकबा 1876, उत्पादन 6032 मीट्रिक टन है।

अमरूद (जामफल) भारत में आम लेकिन महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फल फसल में से एक है। यह कैल्शियम और फास्फोरस के साथ-साथ विटामिन सी और पेक्टिन का समृद्ध स्रोत है। यह आम, केला और साइट्रस के बाद चौथी सबसे महत्वपूर्ण फसल है। इसे पूरे भारत में उगाया जा सकता है।

फरवरी-मार्च या अगस्त-सितंबर माह अमरूद के रोपण का सबसे अनुकूल समय होता है।