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सांगली महाराष्ट्र राज्य के प्रमुख शहरों में से एक है। सांगली शहर दक्षिण-पश्चिम भारत के पश्चिम एवं दक्षिण महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। सांगली नगर पुणे-बंगलुरु रेलमार्ग पर कोल्हापुर के पूर्व में कृष्णा नदी के किनारे स्थित है।

सांगली के आसपास का क्षेत्र कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ज्वार, गेहूँ और दलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं। हल्दी तो पूरे भारत के व्यापक बाजार पर नियंत्रण रखती है। तसगां क्षेत्र की विशेषता यहाँ के अंगूर हैं, जिसका एक बड़ा बाज़ार है। गन्ना मुख्य सिंचित फ़सल है, जिसने अनेक स्थानों की चीनी मिलों की उन्नति में सहायता की है।

हमारे देश में व्यावसायिक रूप से अंगूर की खेती पिछले लगभग छः दशकों से की जा रही है और अब आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण बागवानी उद्यम के रूप से अंगूर की खेती काफी उन्नति पर है। आज महाराष्ट्र में सबसे अधिक क्षेत्र में अंगूर की खेती की जाती है तथा उत्पादन की दृष्टि से यह देश में अग्रणी है।

सांगली (Sangli) में उगाया जाने वाला अंगूर भी बहुत स्वादिष्ट होता है। आम तौर पर यहाँ हरे और काले दोनों प्रकार के अंगूरों की खेती होती है। सांगली में अंगूरों के बाग़ को आप सड़क के किनारे आसानी से देख सकते हैं। जनवरी से लेकर मार्च के महीने तक इसकी पैदावार होती है। इन अंगूरों की विदेशों में बहुत मांग(Demand) हैं और इसीलिए यहाँ के अंगूर बहुत बड़ी मात्रा में विदेश में निर्यात किये जाते हैं।  मुझे भी इन अंगूरों के बाग़ में कई बार जाने का अवसर मिला और यकीन मानिये इन बागों में जाकर ताज़ा अंगूरों को खाने का मज़ा ही कुछ और है। अंगूर की बड़ी मात्रा में उपज के कारण यहाँ किशमिश(Raisin) का उत्पादन भी बड़ी मात्रा में होता है। बहुत उच्च गुणवत्ता वाले यहाँ के किशमिश पूरे देश के साथ साथ विदेशों में भी भेजे जाते हैं। 

अंगूर (Vitis vinifera) दुनिया भर में सबसे अधिक खपत वाले फलों में से एक है। अंगूर उत्पादन में भारत नौवें स्थान पर है। अंगूर (Vitis vinifera) भारत में सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। वे आम तौर पर भारत के उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। भारत में कुल उत्पादन 1,234.9 हजार टन के साथ 111.4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अंगूर की खेती की जाती है। महाराष्ट्र के कुल क्षेत्रफल का 60 प्रतिशत अंगूर की खेती के लिए उपयोग किया जाता है। सांगली में कुल क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत अंगूर की खेती के अधीन है। इनका उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है जैसे कि किशमिश, जैम, जेली, पेय पदार्थ जैसे जूस, वाइन। मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार की अपार क्षमता के कारण, दुनिया भर में उनकी मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अंगूर फाइटो-रसायनों का अच्छा स्रोत है जो कुछ प्रकार के कैंसर और हृदय रोगों जैसे पुराने रोगों के जोखिम को कम करता है। इन विट्रो और इन विवो अध्ययनों के अनुसार, अंगूर में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि होती है, जो कैंसर कोशिका प्रसार को रोकती है और प्लेटलेट एकत्रीकरण को दबाती है, और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है। अंगूर में विभिन्न प्रकार के फाइटो-रसायन होते हैं, जैसे कि फेनोलिक एसिड, स्टिलबेन्स, एंथोसायनिन और प्रोएंथोसायनिडिन, जो सभी मजबूत एंटीऑक्सिडेंटके रूप में कार्य करते हैं।

सांगली भी महाराष्ट्र में सबसे बड़े अंगूर उगाने वाले क्षेत्रों में से एक है। सांगली में कृषि गतिविधि सबसे महत्वपूर्ण साधनों में से एक है। सभी कृषि उत्पादनों में अंगूर उत्पादन महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक है। अंगूर की खेती में जिला शीर्ष स्थान पर है। कुल उत्पादन क्षेत्र का 30 प्रतिशत अंगूर की खेती के अधीन है। सांगली में अंगूर की खेती का क्षेत्रफल भी पिछले 2 वर्षों में बढ़ा है जिसका उत्पादकता और निर्यात बढ़ाने में अधिक प्रभाव है।