भोपाल. यदि आपके पास कोई नया आइडिया है और लगता है कि इसके बूते बना प्रोडक्ट बिल्कुल बेमिसाल होगा तो आप लॉगइन कर सकते हैं आइडिटेरियन डॉट काम पर। आइडिया चोरी का भी कोई डर नहीं, आपकी अनुमति के बिना कोई कंपनी आपके आइडिया पर क्लिक नहीं कर सकेगी। कंपनी को आपका आइडिया पसंद आया तो फिर कीमत आप खुद तय करेंगे। इनके इस प्लान से 5 बड़ी कंपनियां भी जुड़ चुकीं हैं ।
दो साल पहले पासआउट भोपाल के ही चार इंजीनियर दोस्तों ने इसे मिलकर बनाया है। इनका दावा है कि यह देश ही नहीं, दुनिया का पहला ऐसा प्लेटफॉर्म होगा, जिसमें कंपनी अपनी जरूरत बता सकेगी और यूजर्स अपने आइडिया आॅनलाइन बेच सकेंगे। पोर्टल में आइडिया के लिए अलग-अलग केटेगरी है। आइडिया प्लेटफॉर्म बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। इसके फाउंडर हैं 25 साल के सिद्धार्थ। वे कहते हैं कि अप्रैल 2013 में उन्होंने कुछ गैजेट्स व इंटरफेस बनाए। मोबाइल बनाने वाली दो कंपनियों को अप्रोच किया, लेकिन दो महीने बाद भी उस प्लेटफॉर्म पर नहीं पहुंच पाए, जहां अपना आइडिया शेयर कर सकते थे।
सितंबर 2013 में चाइनीज कंपनी ओप्पो ने एन-1 सीरिज का वह फोन लॉन्च किया, जिसमें दुनिया का पहला फ्रंट रोटेटिंग कैमरा लगा था। यह वही आइडिया था, जो सिद्धार्थ का था और जिसके लिए कंपनियों के दफ्तरों के चक्कर काटे थे। ठीक दो महीने बाद एक अमेरिकन कंपनी पोर्टेबल चार्जर लाई, जिसमें कलाइयों व शरीर के मूवमेंट से मोबाइल फोन चार्ज हो सकता था। हालांकि यह अब तक भारतीय बाजार में नहीं है, लेकिन सिद्धार्थ का दावा है कि यह आइडिया भी उसी का था।
एकजुट होकर शुरुआत
सिद्धार्थ ने अपने दोस्तों सोनाली गुहा, दानिश और एनिमेशन की पढ़ाई कर रहे अंकित से आइडेटेरियन का आइडिया साझा किया। उस समय तक टीसीएस के लिए पुणे में स्टेट प्रोजेक्ट कोआॅर्डिनेटर का काम देख रहे सिद्धार्थ व उसके दोस्तों ने तय कर लिया कि अब वह खुद यह प्लेटफाॅर्म बनाएंगे। अक्टूबर 2013 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। नवंबर 2014 में सिद्धार्थ टीसीएस छोड़कर दिल्ली पहुंचे। एक किराए के कमरे में अपना काम शुरू किया। तीन महीने बाद को-फाउंडर सोनाली भी ट्राइडेंड कंपनी से एचआर का काम छोड़ दिल्ली पहुंच गईं। देहरादून में एमटेक कर रहे दानिश ने मार्केटिंग का काम संभाला और भोपाल में अंकित ने पीआर का।
100 आइडिया अपलोड
सिद्धार्थ कहते हैं कि 30 जुलाई को औपचारिक शुभारंभ होना है। हमें 2800 यूजर्स विजिट कर चुके हैं। पांच बड़ी और 9 छोटी कंपनियां जुड़ चुकी हैं। 100 से ज्यादा ग्रेजुएट्स आइडिया अपलोड कर चुके हैं। टारगेट -30 जुलाई से पहले 30 कंपनियों से टाइअप कर लें।
पोस्ट के लिए तीन केटेगरी
www.ideatarian.com पर आइडिया पोस्ट करने के लिए तीन केटेगरी हैं। पब्लिक, कंपनी और सिक्योर्ड। पब्लिक में आइडिया सबके लिए होगा। कंपनी सिलेक्ट करने पर आइडिया सिर्फ कारपोरेट यूजर्स देख पाएंगे। सिक्योर्ड में संबंधित कंपनी आपको रिक्वेस्ट भेजेगी।
कॉन्सेप्ट बेहतरीन
उनका कॉन्सेप्ट बेहतरीन है। हमें मार्केट की जरूरत के अनुरुप आइडिया की जरूरत होती है। हमारे लिए उपयोगी। राघवेंद्र बिसेन, चेयरमैन, आरबीए
यह एक आइडिया फोरम है। शुरुआती तौर पर पसंद आया। सचिन ग्रोवर, सर्किल हेड, नोकिया
सिद्धार्थ शर्मा
2011 में जेएनसीटी से पास आउट
टीसीएस में नौकरी की, फिर जॉब छोड़कर आइडिटेरियन डॉट काम के फाउंडर बने