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पीलीभीत भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक जिला है। रोहिलखंड क्षेत्र में स्थित यह जिला बरेली मंडल के सबसे उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। पीलीभीत शहर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। पीलीभीत हरे-भरे जंगलों, पीलीभीत टाइगर रिजर्व और बांसुरी निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। भारत में निर्माण किए जाने वाले 95% बांसुरी का निर्माण पीलीभीत जिले में किया जाता है, इसीलिए इसे “बांसुरी नगरी” भी कहा जाता है।

कृषि और पशुपालन
जिले की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। गन्ना जिले का महत्वपूर्ण फसल है। जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, दलहन (चना, अरहर, मटर, मसूर और मूंग), तिलहन, गन्ना, जूट और सब्जियां। जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण स्थान है। जिले के प्रमुख पशु धन हैं: गाय, बैल, भेड़, बकरी, सूअर, भैंस और पोल्ट्री।

उद्योग और व्यापार और वाणिज्य
जिले में स्थित प्रमुख उद्योग हैं: चीनी उद्योग (चीनी मिल), फर्नीचर उद्योग और तारकशी उद्योग।
जिले में धातु का काम किया जाता है। धातु से बने हुए बर्तनों का नेपाल निर्यात किया जाता है। जिले में बड़े पैमाने पर लघु औद्योगिक इकाइयां कार्यरत है। जिले के प्रमुख औद्योगिक उत्पाद हैं: कृषि उपकरण, इंजीनियरिंग के समान, लकड़ी के फर्नीचर, गुड़, बांसुरी, मोमबत्तियां, बिस्किट, कपड़ा, साबुन, तेल, आयुर्वेदिक और यूनानी दवाइयां. पीलीभीत जिला चावल, गेहूं, बांसुरी, गुड़, अनाज और कृषि उत्पादों का व्यापार केंद्र है।

शासन की एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में बांसुरी के साथ अब वुड प्रोडक्ट (लकड़ी से तैयार उत्पाद) को भी शामिल कर लिया गया है। बांसुरी बनाने, व्यवसाय करने वालों की भी भांति निश्शुल्क प्रशिक्षण दिलाने, टूल किट प्रदान करने के साथ ही बैंकों से ऋण स्वीकृत कराने व अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

गुड़ को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में गुड़ के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।