पठानकोट ज़िला भारत के पंजाब राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय पठानकोट है।

केंद्र सरकार द्वारा पीएम एफएमई स्कीम (PM Formalization of Micro Food Processing Enterprises Scheme)के तहत 38 राज्यों के 707 जिलों के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) की लिस्ट को मंजूरी दे दी गई हैं।  ‘एक जिला एक उत्पाद’ (One District One Product) स्कीम के अंतर्गत स्वदेशी उद्योग जैसे कि लीची उत्पादन, हथकरघा, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग और परंपरागत उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। एक जिला एक उत्पाद योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य स्वदेशी निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना और छोटे तथा मध्य उद्योग को वित्तय सहायता मुहैया कराकर देश में उद्यमिता की अवधारणा को प्रोत्साहित करना हैं।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

लीची को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को लीची के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी

पंजाब का पठानकोट लीची उत्पादन का गढ़ माना जाता है। यहां हर साल 75 100 एकड़ में 6 लाख क्विंटल लीची की पैदावार होती है। पठानकोट की लीची पूरे भारत में मशहूर है। मुंबई दिल्ली से लेकर दुबई में भी पठानकोट की लीची की मांग है

लीची रसीला और गुणकारी फल है। विटामिन-सी और वी से भरपूर इस फल की खोज चीन में हुई थी। इसके बाद विश्व भर में इसकी पैदावार शुरू हुई। 7.5 से 8 पीएच मान वाली मिट्‌टी और गर्म जलवायु में यह कहीं भी पैदा हो सकती है। इसकी कोलकाता किस्म का फल बहुत ही मीठे और आकर्षक होते हैं। देहरादूर जल्द तैयार होने वाली और लगातार फल देने वाली किस्म है। अगर किसी का दिल कमजोर हो तो उसे लीची का सेवन करना फायदेमंद रहता है। लीची कैंसर की कोशिकाओं को भी बढ़ने से रोकती है और थकान दूर करती है। लीची की बिजाई का समय पंजाब में नंम्बर महीने का है। 

बागवानी से जुड़े सौ से ज्यादा किसान
पठानकोट। क्षेत्र में 100 से ज्यादा किसान हार्टिकल्चर से जुड़े हुए हैं। उनके पास 10 से 20 एकड़ की जमीन पर लीची व आम के बगीचे हैं। अकेले पठानकोट तथा गुरदासपुर में पांच हजार एकड़ जमीन हार्टिकल्चर के अधीन आती है। जबकि हार्टिकल्चर से जंगलात का रकबा भी बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पठानकोट में पैकिंग, ट्रांसर्पोटेशन और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोल्ड स्टोर की व्यवस्था करने की जरूरत है, ताकि पठानकोट के साथ लगते हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, चंबा और जम्मू-कश्मीर के कठुआ, सांबा व साथ लगते इलाकों से भी फलों व सब्जियों को भी यहां लाकर स्टोर किया जा सके।

लीची के स्वास्थ्य संबंधित फायदे 
  • लीची विटामिन, मिनरल्स, एंटी-ऑक्सीडेंट और डायट्री फाइबर से भरपूर होता है जो की आपके स्वस्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है
  • लीची में 100 ग्राम की मात्रा में 66 कैलोरी उपलब्ध होती है। साथ ही  इसमें सैच्युरेटेड फैट बिल्कुल भी नहीं होता।
  • लीची में मौजूद पोटेशि‍यम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर ह्दय-गति और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, जिससे हृदय रोग या अटैक की संभावना कम होती है।  
  • इसमें कॉपर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो रेड ब्लड सेल का निर्माण करता है।
  • लीची में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ और खूबसूरत बनाए रखने में सहायक हैं। 
  • लीची में विटामिन-सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। प्रति 100 ग्राम लीची में विटामिन-सी की मात्रा 71.5 मिलीग्राम होती है।
  • बी- कॉम्प्लेक्स और बीटा कैरोटीन से भरपूर लीची मेटाबॉलिज्म को भी नियंत्रित करती है।
  • ऑथ्राईटिस में लीची खाने से लाभ होता है और दमा के मरीजों के लिए भी लीची बेहद लाभदायक फल है। इसके अलावा यह रक्तसंचार को बेहतर करने में बहुत सहायता करता है ।
  • सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले नुक्सान से भी बचता है।   
  • इसमें मौजूद फाइबर की अत्यधि‍क मात्रा आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ ही सीने और पेट की जलन को भी शांत करती है।
  • यदि आपको कफ की शिकायत बनी रहती है, तो लीची आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है। 
  • अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो लीची इसमें भी आपके लिए बेहद फायदेमंद फल है, जो वजन कम करने में आपकी सहायता करती है।