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हापुड़ ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय हापुड़ है। हापुड़ जनपद उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जनपद के रूप में हाल ही में स्थापित किया गया है । इस जनपद के दिल्ली तथा गाजियाबाद के निकट बसे होने के कारण विकास की बहुत संभावनाएँ हैं । जनपद का स्तर प्राप्त करने के बाद यहाँ की अवस्थापना में सुधार हुआ है । हापुड़ जनपद स्टेनलेस स्टील के पाइप निर्मित करने, सिलाई मशीनों,लकड़ी एवं कागज के उत्पादों के एक बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है । यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक बड़ा औद्योगिक नगर है । यहाँ कागज निर्माण की लगभग 25 फैक्ट्रियाँ हैं । यह जनपद अपने कागज एवं होम फर्निशिंग सामानों के लिए प्रसिद्ध है ।
हापुड़ जनपद पिलखुवा क्षेत्र में पावर लूम द्वारा बनी हुई चादरों के लिये भी जाना जाता है । इस नगर की जनसंख्या 13,38,310 है तथा इसकी पहचान स्टेनलेस स्टील के पाइप एवं ट्यूब बनाने के केंद्र के रूप में है । इसके अतिरिक्त यहाँ के पापड़, पेपर कोन तथा ट्यूब्स भी प्रसिद्ध हैं ।

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पेठा उद्योग को अब पंख लगेंगे। यानी अब वह दिन दूर नहीं जब हापुड़ के पेठा उद्योग को आगरा के पेठा उद्योग के जैसी पहचान मिलेगी। शासन ने हापुड़ के पेठे को एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) की फेहरिस्त में शामिल किया है। इसके तहत जिले में 150 पेठे उत्पाद की इकाइयां लगेंगी। किसान/आवेदकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक इकाई पर 10 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा, जो कीमत का 35 प्रतिशत होगा।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार की ओर से खेतीबाड़ी से जुड़े करीब 24 उत्पादों को ओडीओपी के रूप में चुना गया है। हर जिले के लिए अलग फसल का चयन हुआ है, सरकार इन उत्पादों के जरिए इनसे जुड़े किसानों की न सिर्फ आय बढ़ाएगी, बल्कि इनमें निवेश को भी आकर्षित करेगी। इससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के मौके भी उपलब्ध हो सकेंगे।

3500 हेक्टेयर रकबे में उगता है पेठा
जिले के करीब 3500 हेक्टेयर रकबे में हर साल पेठा की खेती होती है। आगरा समेत विभिन्न जिलों के कारोबारी यहां से पेठा खरीदकर ले जाते हैं। लेकिन ओडीओपी योजना में शामिल होने के बाद क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा लाभ किसानों को होगा।

सरकार बनाएगी आत्मनिर्भर
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खेतीबाड़ी के करीब दो दर्जन ऐसे उत्पादों को चिन्हित किया गया है। हापुड़ में पेठा प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयों को प्रशिक्षण, क्षमता विस्तार, गुणवत्ता सुधार, ब्रांडिंग, परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए वित्तीय व तकनीकी सहायता और बाजार उपलब्ध कराने में सरकार मदद करेगी।

हापुड़ जिले में गंगा के किनारे 3500 हेक्टेयर में पेठा (कद्दू) की खेती होती है, जो आगरा में यमुना किनारे होने वाली खेती का बाद दूसरे स्थान पर है। यहां पैदा होने वाले पेठे की गुणवत्ता भी बेहतर है। यूपी की योगी सरकार ने यहां किसानों और व्यापारियों को पेठा (कद्दू) से पेठा मिठाई बनाने की औद्योगिक यूनिट लगाने के लिए सब्सिडी योजना शुरू की है। करीब 40 लाख रुपए की एक यूनिट लगाने में सरकार 10 लाख रुपए अनुदान दे रही है। साथ ही जीएसटी छूट के भी प्रावधान किए गए हैं। जिला उद्योग केंद्र में अभी तक 148 नई औद्योगिक इकाइयों के पंजीकरण हो चुके हैं। इस साल के अंत तक इनपर काम भी शुरू हो जाएगा। आगरा का पेठा ताजमहल से भी पहले का माना जाता है, जो दुनियाभर में फेमस  है।