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नासिक (Nasik) या नाशिक (Nashik) भारत के महाराष्ट्र राज्य के नाशिक ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय और महाराष्ट्र का चौथा सबसे बड़ा नगर है। नाशिक गोदावरी नदी के किनारे बसा हुआ है। यह शहर प्रमुख रूप से हिन्दू तीर्थयात्रियों का प्रमुख केन्द्र है। इस शहर का सबसे प्रमुख भाग पंचवटी है। इसके अलावा यहां बहुत से मंदिर भी है। नाशिक में लगने वाला कुंभ मेला, जिसे यहाँ सिंहस्थ के नाम से जाना जाता है, शहर के आकर्षण का सबसे बड़ा केन्द्र है। 

नासिक जिले में प्याज को एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत चयनित किया गया। 

प्याज़ एक वनस्पति है जिसका कन्द सब्ज़ी के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत में महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा होती है। यहाँ साल मे दो बार प्याज़ की फ़सल होती है - एक नवम्बर में और दूसरी मई के महीने के क़रीब होती है।

महाराष्ट्र का नासिक जिला और उससे जुड़े क्षेत्र अंगूर और प्याज के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। स्थानीय किसान इनकी पैदावार से अच्छी कमाई करते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कुल अंगूर उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 81% है। इसी तरह प्याज उत्पादन में भी राज्य देश में सबसे आगे है। कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 28.32% है। निर्यात के लिहाज से भी राज्य कहीं ज्यादा आगे है।
जिले में प्याज का उत्पादन भी बड़ी मात्रा में होती है। देशभर में प्याज की डिमांड को काफी हद तक नासिक ही संभालता है।
प्याज एक महत्वपूर्ण सब्जी एवं मसाला फसल है। इसमें प्रोटीन एवं कुछ बिटामिन भी मिलते हैं। इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं. महाराष्ट्र के किसानों के मुताबिक पहले इसकी पौध तैयार होती है। पौध अच्छी होती है तो पैदावार भी अच्छी होती है। महाराष्ट्र नासिक, शोलापुर, पुणे, अहमदनगर और धुले जिलों में इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है। लेकिन नासिक सबसे ज्यादा फेमस है। इसी जिले के लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी मंडी है।

प्याज के दूसरे सीजन में बुआई अक्टूबर-नवंबर के महीने में की जाती है। यह जनवरी से मार्च के बीच तैयार हो जाती है। प्याज की तीसरी फसल रबी फसल है। इसमें दिसंबर-जनवरी में बुआई होती है जबकि फसल की कटाई मार्च से लेकर मई तक होती है। महाराष्ट्र के कुल प्याज उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में ही होता है।

महाराष्ट्र में नाशिक जिले को प्याज का गढ़ कहा जाता है। यहां की मंडियों से ही देश में प्याज के रेट तय होते हैं। इसलिए नाशिक में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती की जाती है।