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महासमुंद (Mahasamund) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुन्द ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है और महानदी के किनारे बसा हुआ है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

दूध आधारित उत्पाद को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में दूध आधारित उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन के मामले में महासमुंद जिला पहले स्थान पर है। अकेले महासमुंद से ही 60 फीसदी दूध विकास निगम को जाता है। इसके लिए जिले में 175 सोसायटी के 7770 सदस्य कार्यरत हैं। छत्तीसगढ में प्रतिदिन उत्पादित होने वाले 65 हजार लीटर दूध में से जिले के सभी पांचों ब्लाकों से 24 हजार लीटर दूध जाता है। 

शहर में रोजाना 15 हजार लीटर दूध की खपत
70 हजार आबादी के शहर में रोजाना 15 हजार लीटर दूध की खपत होती है। घर के अलावा होटलों में बड़ी मात्रा में सुबह-शाम दूध की आपूर्ति आस-पास के गांवों से होती है। इसके अलावा दुग्ध महासंघ को शहर से ही 5 हजार लीटर दूध अलग से जाता है। अफसरों के अनुसार सुविधाएं बढ़ने से जिले में पशुधन विकास के प्रति पशुपालकों की रूचि बढ़ रही है। गांवों में दूध उत्पादन कर आर्थिक स्थिति मजबूत करते देख दूसरे लोग भी प्रोत्साहित हो रहे हैं।

महासमुंद जिले के छोटे से गांव में 100 किसान मिलकर दो हजार अधिक लीटर दूध का रोज उत्पादन कर रहे हैं। इस गांव के दूध को विभिन्न कंपनियां खरीद भी रही हैं। हम बात कर रहे है पिथौरा ब्लॉक के गोडबहाल गांव की। इस समय गांव के किसान जितना खेती-बाड़ी को महत्व देते हैं, उतना ही दूध उत्पादन करने में रुचि दिखा रहे हैं।
गोडबहाल के गांव के 11 किसान ने सबसे पहले मिलकर दूध उत्पादन का कार्य करने के लिए 1989 में इसकी नींव रखीं। शुरुआत में मात्र 40 लीटर दूध उत्पादन किया। आज इस गांव में 100 किसान रोज दो हजार लीटर से अधिक दूध का उत्पादन किया जा रहा है। जहां इसकी मांग देश के विभिन्न बड़ी कंपनियों में है।
कई नस्ल के गाय और भैंस किसानों के पास-
दूध के लिए किसान कई नस्ल के गाय और भैंस का पालन कर रहे हैं। इनमें गिर, हास्टम फ्रीजियन, साहीवाल, जर्सी, जर्सी क्रांस समेत कई गोवंश है।

Mahasamund जिले की प्रमुख फसलें