हल्दी (करकुमा लोंगा)
हल्दी (Curcuma longa) अदरक परिवार यानी Zingiberaceae का एक प्रकंद जड़ी-बूटी वाला बारहमासी पौधा है। पौधे में अत्यधिक शाखित, पीले से नारंगी, बेलनाकार, सुगंधित प्रकंद होते हैं। यह एक अनूठा और बहुमुखी प्राकृतिक पौधा है जो एक मसाले, खाद्य रंगीन, कॉस्मेटिक और दवा के गुणों का संयोजन करता है। यह सबसे लोकप्रिय प्राकृतिक खाद्य रंगों में से एक है जिसमें गहरे पीले-नारंगी रंग और स्वाद के घटक होते हैं।
हल्दी ने एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटी-म्यूटाजेनिक, एंटी-माइक्रोबियल, एंटीवायरल और एंटी-पैरासिटिक गुणों को साबित किया है और यह एक ज्ञात त्वचा देखभाल और स्वास्थ्य खाद्य सामग्री है जो कई बीमारियों को रोकने या कम करने में सक्षम है।
मसाले के औषधीय गुण आवश्यक तेल और मौजूद करक्यूमिनोइड घटकों के कारण होते हैं। Curcuminoid कई अन्य घटकों जैसे कर्क्यूमिन (diferuloyl-methane), demethoxy-curcumin, और bis-demethoxycurcumin का एक फाइटोकेमिकल यौगिक है। हल्दी पाउडर में करक्यूमिन 3.14% (औसतन) होता है।

उपयोग और प्रसंस्करण के अवसर
हल्दी का उपयोग मसाले के रूप में या सुगंधित, रंगीन, कॉस्मेटिक सामग्री और कई बीमारियों में उपयोगी दवा के रूप में किया जाता है। यह करी और करी पाउडर में एक आवश्यक घटक है क्योंकि यह चटपटा स्वाद और पीला रंग प्रदान करता है। इसके चूर्ण में तीखा कड़वा स्वाद, सरसों जैसी सुगंध, काली मिर्च जैसा और मिट्टी जैसा स्वाद होता है। हल्दी को डिब्बाबंद पेय पदार्थों, पके हुए उत्पादों, डेयरी उत्पादों, योगर्ट, पीले केक, बिस्कुट, पॉपकॉर्न, मिठाई, केक के टुकड़े, अनाज, सॉस, जिलेटिन, सीधे संपीड़न टैबलेट आदि में आवेदन मिला है। हल्दी का स्वाद, स्वाद के प्रति संवेदनशील उत्पादों जैसे पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों, आइसक्रीम, नींबू पानी, कन्फेक्शन और बेक्ड उत्पादों के लिए पसंद किया जाता है।
हल्दी कपड़ों के लिए एक पीले रंग की डाई भी बना सकती है और इसका उपयोग ऊनी रेशम और कपास की रंगाई के लिए किया जाता है। इसका उपयोग फार्मास्युटिकल उत्पादों में रंग भरने वाले पदार्थ के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा इसके चिकित्सीय गुणों के कारण कॉस्मेटिक तैयारी और दवाओं में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

जैविक प्रमाणन की स्थिति
600 हे. हल्दी के तहत क्षेत्र को एपीडा द्वारा भारत में निर्धारित मानकों के तहत पूरी तरह से प्रमाणित किया गया है यानी MOVCDNER चरण- I के तहत जैविक उत्पादन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPOP) और अन्य 2000 हेक्टेयर क्षेत्र ने MOVCDNER चरण- II के तहत प्रथम वर्ष का दायरा प्रमाण पत्र प्राप्त किया है।

मणिपुर में उगाई जाने वाली किस्में और उपलब्धता
'लाकाडोंग' और 'मेघा हल्दी-1' किस्मों को विशिष्ट स्वाद के साथ तेज चमकीले पीले रंग के लिए जाना जाता है। यह इन दो किस्मों 'मेघा हल्दी-1' (लगभग 5%) और 'लाकाडोंग' (लगभग 5-7%) में उच्च करक्यूमिन सामग्री के कारण है।