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झाँसी ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय झाँसी है। झाँसी जिले के दक्षिण में बुंदेलखंड का पहाड़ी क्षेत्र है, जो विंध्य श्रंखला की ढलान पर है। जिले में बुंदेलखंड के समतल मैदान शामिल हैं, जो अपनी गहरी काली मिट्टी के लिए जाने जाते है, जिसे मर के नाम से जाना जाता है, और कपास की खेती के लिए विशेष रूप से अनुकूलित माना जाता है। जिला तीन प्रमुख नदियों, पाहुज, बेतवा और धसान से घिरा हुआ है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

तुलसी को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को तुलसी के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

बुंदेलखंड, खास तौर से झांसी में तुलसी की खेती करने वाले किसानों के साथ ही रकबे में भी इजाफा हुआ है। तुलसी के साथ ही यहां मेंथी, एलोवेरा जैसी औषधीय महत्व के पौधे भी बड़ी मात्रा में उगाए जा रहे हैं। इनको बड़ी कंपनियां सीधे किसानों से अच्छी कीमत पर खरीद रही हैं।

आयुर्वेद और धार्मिक दृष्टि से तुलसी का व्यापक महत्व है। यही वजह है कि तुलसी हमेशा जन - जन में उपयोगी रही है। किसानों के अनुसार तुलसी की फसल जलवायु परिवर्तन, आवारा जानवरों की समस्या से मुक्त है। बुंदेलखंड की भूमि इस फसल के लिए बेहतर है। यही वजह है कि क ई आयुर्वेदिक कंपनियों का ध्यान इस ओर व्यापक रूप से गया है। इससे किसान भी लाभांवित हो रहे हैं। तुलसी की पैदावार साल में दो बार होती है। खास बात यह है कि तुलसी को अन्ना जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं। यह 65 से 70 दिनों की फसल है। इसके अलावा पानी भी एक ही बार लगता है। इसे बंजर, पथरीली भूमि में भी उगाया जा सकता है।

Jhansi जिले की प्रमुख फसलें