सरकारी मदद के बगैर सरपंच ने अपने बलबूते बदल दी गांव की शक्ल

सरकारी मदद के बगैर सरपंच ने अपने बलबूते बदल दी गांव की शक्ल
News Banner Image

Kisaan Helpline

Scheme Jun 07, 2015
पोरबंदर। गांव में विकास का जज्बा ऐसा कि सरपंच ने खुद के पैसे से स्ट्रीट लाइट लगवा दी। लाइट का 15 हजार रुपए महीना बिल भी खुद ही भरते हैं। नल कनेक्शन, सीसीटीवी कैमरे आदि के साथ हाईटेक सुविधाएं मिलने लगी हैं गांव में। यह सब हुआ मात्र तीन साल में, वो भी सरकारी मदद के बगैर। हम बात कर रहे हैं, गुजरात में पोरबंदर जिले के मैरारी गांव की।
लगभग 4500 की जनसंख्या वाले इस गांव के सरपंच भरत परमार ने बताया कि सरकारी अनुदान की राह देखते तो गांव का विकास तेजी से नहीं हो पाता। वे तीन साल पहले सरपंच बने थे। बच्चों के लिए खेल मैदान, बुजुर्गों के लिए बगीचा है। बोवनी के सीजन में कृषकों के लिए बीज का इंतजाम भी पंचायत करती है। गांव रातभर जगमगता रहता है। निगरानी के लिए 61 कैमरे लगे हुए हैं। हां, सड़क निर्माण की गति धीमी है, क्योंकि यह सरकारी अनुदान से बन रही है। ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक चुने वाले प्रतिनिधियों के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग से विकास कार्य हो रहे हैं। लंबी प्रक्रिया व आवश्यक विलंब से बचने के लिए ये मेरा प्रयास है।
बोर्ड केन्द्र, सभी के लिए भंडारा:
गांव में 10वीं बोर्ड परीक्षा का केंद्र है। परीक्षा के समय परीक्षार्थियों और उनके परिजन के लिए विशेष भंडारा चलता है। भंडारे की एक वजह ये भी है कि गांव में शहरों जैसी खानपान की सुविधा नहीं है।
सरपंच भरत परमार ने यह सब कराया अपनी जेब से:
- 61 सीसीटीवी कैमरे
- 200 स्ट्रीट लाइट
- 600-700 घरों में पानी की लाइन भी खुद के खर्चे से
- 8 लाख रुपए में खेल मैदान और बगीचा बनवाया

Agriculture Magazines

Pashudhan Praharee (पशुधन प्रहरी)

Fasal Kranti Marathi

Fasal Kranti Gujarati

Fasal Kranti Punjabi

फसल क्रांति हिंदी

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline