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पचास Dismil भूमि। भिंडी की खेती। आय 80 हजार। एक एकड़ भूमि। टमाटर का उत्पादन। दो लाख आय। ढाई एकड़ जमीन। डेढ़ लाख रुपए, वस्तु विनिमय कमाई Tmartr खेती,। फिर ढाई एकड़ जमीन। टमाटर का उत्पादन और 13 लाख रुपये, खेती मुनाफे की आय। अब सी भूमि की AKD पपीता की खेती । आधा एकड़, आधा एकड़ टमाटर और भूमि खेती की चार एकड़ जमीन पर काली मिर्च और 32 लाख रुपए की आय पर केले। यह एक करोड़पति रातोंरात किसान मजदूर बन जाता है, जो एक हिंदी फिल्म की कहानी नहीं है। यह आपके हार्ड-निर्देशक साहू पसंदीदा भी मजदूरों और किसानों के सैकड़ों द्वारा एक करोड़पति बन गया है, जहां छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले की सच्ची कहानी है। अब हर साहू निदेशक किसानों का कहना है और किसान Mitan Mitan उसकी पहचान बन गई है। अब पारंपरिक धान किसानों के निदेशक साहू Jilee सैकड़ों बागवानी नकदी फसल को छोड़ रहे हैं सफल किसान से प्रेरणा ढूँढना। कवर्धा जिला बागवानी फसल अब केला, पपीता, टमाटर और हरी सब्जियों सहित किसानों ने बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है अब भी कर दिया गया है अनार की तैयारी खेती की जाती है मसालों की खेती के साथ-साथ बहुतायत से खेती की जा रही है। अनार की खेती के लिए Mitan किसानों महाराष्ट्र में शोलापुर से प्रशिक्षण ले लिया है। आठ गांवों में बागवानी फसल Lah-Lhane के चार हजार से अधिक एकड़ जमीन अब लगे हुए हैं। सीधे Mitan निदेशक कबीरधाम साहू, Bemetra, Mungeli, दुर्ग से अब किसान, राजनांदगांव जिले के दो सौ से अधिक किसानों शामिल हो गया है। मोबाइल सीधे किसान Mitan बात करते हैं और फायदेंमंद बागवानी फसलों के बीज और उर्वरकों के माध्यम से किसानों, साथ ही बुवाई के मौसम Bariki जानकारी की विधि से मुक्त करने के लिए दिया जा रहा है। कबीरधाम कलेक्टर श्री पी.दयानंद ने किसान मितान से भेंट कर उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी है, वह किसानों और और छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का लाभ प्राथमिकता से दिया जाएगा।
किसान मितान ने बताया कि प्रति एकड़ केले की खेती में महज 60 हजार खर्च कर तीन लाख रूपए, पपीते की खेती में 40 हजार खर्च कर दो लाख रूपए, टमाटर की खेती में 80 हजार खर्च कर 2 लाख शुद्ध मुनाफे की खेती की जा सकती है। डायरेक्टर साहू से प्ररेणा पाकर और प्रभावित होकर आसपास के मोहगांव, सिंघनगढ़, मानपुर, डोमाटोला, गगरिया, खम्हरिया, खैरबना और बिसाटोला के किसानों के द्वारा उद्यानिकी की नगद फसलंेे ली जा रही है। किसानों के किसान मितान बन चूके डायरेक्टर साहू से माबाईल के जरिए सौकड़ों किसान जुड़ चुके है। किसान मितान के द्वारा उद्यानिकी की नई-नई फसलों की जानकारी और तकनीकि खेती की निःशुल्क परामर्श भी दिया जा रहा है। डायरेक्टर साहू ने बताया कि माबाईल के जरिए कबीरधाम, बेमेमरा, मुंगेली, दुर्ग, राजनांदगांव जिले केे दो सौ से अधिक किसान मुझसे जुड़े हुए है। उद्यानिकी फसलों से जुड़ी सभी समस्याओं का निराकरण मेरे द्वारा किया जाता है। उनका कहना है कि उद्यानिकी फसलों का लाभ जैसे मुझे मिला वैसे छत्तीसगढ़ से सभी किसानों को मिले। आसपास के किसानों के द्वारा उद्यानिकी फसल लेने से मुझे बेहद खुशी होती है, जिससे उद्यानिकी फसलों के लिए एक क्षेत्र का निर्माण हो रहा। उद्यानिकी क्षेत्र के निर्माण होने से हम सब किसानों को इसका लाभ मिल रहा है, इससे घर बैठे राज्य के साथ-साथ अन्य प्रातों के व्यापारियों के द्वारा सीधे बाजार का निर्माण हो रहा है और खेतों की खड़ी फसलों की बोली हो रही है। उन्होने बताया कि अब इस बार दो एकड़ जमीन पर उद्यानिकी की नई फसल आनार की खेती की तैयारियों चल रही है,इसके लिए उन्होने महाराष्ट्र के शोलापुर
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