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डूंगरपुर (Dungarpur) भारत के राजस्थान राज्य के डूंगरपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यहाँ से होकर बहने वाली सोम और माही नदियाँ इसे उदयपुर और बांसवाड़ा से अलग करती हैं। पहाड़ों का नगर कहलाने वाला डूंगरपुर में जीव-जन्तुओं और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं। डूंगरपुर, वास्तुकला की विशेष शैली के लिए जाना जाता है जो यहाँ के महलों और अन्य ऐतिहासिक भवनों में देखी जा सकती है।

जिले के कृषि उद्यमियों के लिए खुशखबर है कि राज्य सरकार ने एक जिला एक उत्पाद दृष्टिकोण के अंतर्गत डूंगरपुर जिले में आम की उपज का चयन किया गया है। क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र होने से यहां आम की अच्छी पैदावार होती है। ऐसे में यहां कृषि उद्यमियों के लिए आम के प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत परियोजना लागत का अधिकतम 10 लाख रुपए अथवा 35 प्रतिशत तक पूंजी अनुदान का प्रावधान है।

डूंगरपुर के आम की विशेषता 
यहां तीन प्रकार के देशी आम होते है जो मीठे तो है हीं विशेष भी है। इसमें पहली किस्म के पतले छिलके वाले आम है जिसमें रस भी पतला और गुठली भी छोटी होती है। इस आम के रस से पापड़ अच्छे बनते है। दूसरा यहां बडे और मोटे छिलके के आम होते है जिनका रस बनाकर सेवन करना पसंद किया जाता है। तीसरी किस्म के रेशेदार आम जिनमें खटास अधिक व मिठास कम होती है। इन्हें अचार बनाने में प्रयुक्त किया जाता है। वर्तमान में आम की बहार समापन की ओर है तो इसके बाद अगले एक माह तक बाजार में देशावरी आम नीलम, तोतापुरी, लंगड़ा, बादाम व हापुस आदि की बाजार में उपलब्धता रहेगी।

वागड़ इलाके खासकर डूंगरपुर, बांसवाडा और प्रतापगढ़ में देशी आम की बहार रहती है। यहां के आम रसीले और मीठे होते हैं. बाजार में यहां के आमों की डिमांड ज्यादा रहती है. इन आम का इस्तेमाल जूस, अचार, मुरब्बे के लिए किया जाता है. सुरपुर निवासी किसान बताते हैं कि यहां का आम शहद की तरह मीठा और कुछ खट्टा होता है. जिस कारण लोग इसे चाव के साथ खाते हैं।