ओडीओपी-पेडा
जिला- दुमका
राज्य- झारखंड

1. जिले में कितने किसान इस फसल की फसल की खेती करते है?
जिले का कुल क्षेत्रफल 4,404.02 किमी है और खेती योग्य भूमि 224.2 हेक्टेयर है।

2. जिले के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें?
दुमका को अपना नाम कैसे मिला, इसके बारे में दो सिद्धांत हैं पहला यह है कि इसका नाम संताली के काम से मिलता है जिसका अर्थ है छोटा क्योंकि ब्रिटिश काल के दौरान यह भागलपुर और रामपुरहाट की तुलना में एक छोटा शहर है। दूसरा इसका नाम फारसी शब्द दामिन-ए-कोह से लिया गया है, जिसका अर्थ है पहाड़ियों की स्कर्ट (किनारे या सीमा)। जिले को आदिवासियों की भूमि के रूप में जाना जाता है। यह सबसे पुराने जिलों में से एक है। यह शहर मंत्रमुग्ध कर देने वाली सुंदरता, पहाड़ों, परिदृश्यों, नदियों और घाटियों की हरियाली से भरा हुआ है। बाबा बासुकीनाथ धाम देवघर-दुमका राजमार्ग पर स्थित है और यह जिले का मुख्य आकर्षण है। जिले में घूमने के लिए अन्य प्रसिद्ध स्थान मसनजोर बांध, मौलुती के टेराकोटा मंदिर और शिव पहाड़ मंदिर हैं।
जिले की मिट्टी बलुई दोमट से चिकनी दोमट, गैर-चट्टानयुक्त और अत्यधिक कटाव के कारण मिट्टी की उर्वरता खराब है। दुमका जिले की जलवायु शुष्क और आर्द्र है।

3. फसल या उत्पाद के बारे में जानकारी?
पेड़ा भारत का एक मीठा व्यंजन है। इसकी उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के मथुरा से हुई है। इसकी मुख्य सामग्री खोया, चीनी और पारंपरिक स्वाद हैं। यह आकार में एक गोला है। पेड़ा का वैकल्पिक नाम पेरा और पेड़ा है। पेड़े के चर रंग उपलब्ध हैं।

4. यह फसल या उत्पाद इस जिले में क्यों प्रसिद्ध है?
बाबा बासुकीनाथ धाम में प्रसाद के रूप में पेड़ा चढ़ाया जाता है।

5. फसल या उत्पाद किस चीज से बना या उपयोग किया जाता है?
पेड़ा खोया, चीनी, दूध और केसर या इलायची जैसे किसी भी स्वादिष्ट बनाने का मसाले
से बनाया जाता है। कुछ पेड़े मावा से भी बनते हैं जो सूखा दूध होता है।

6. इस फसल या उत्पाद को ओडीओपी योजना में शामिल करने के क्या कारण हैं?
इसे ओडीओपी योजना में शामिल किया गया है क्योंकि यह दुमका जिले की एक प्रसिद्ध मिठाई है और देवताओं को अर्पित की जाती है।

7. फसल या उत्पाद से संबंधित घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों और उद्योगों की संख्या
भारतीय मिठाई और कैंडी का बाजार वर्तमान में करीब 664 मिलियन डॉलर का है।

8. जिले में कौन सी फसलें उगाई जाती हैं? और उनके नाम?
चावल, मक्का, अरहर, चना, निगार, सरसों, मूंगफली आदि जिले की कुछ प्रमुख फसलें हैं।