देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है।

देहरादून के प्रसिद्ध पलटन बाजार की गलियों से गुजरते हुए बेकरी उत्पादों की महक अनायास ही अपनी ओर खींच लेती है। यह यहां की सदियों पुरानी बेकरियों के स्वाद का जादू है जिसने देहरादून को एक लोकप्रिय बेकरी गंतव्य के रूप में पहचान दिलाई है। दरअसल, दून के बेकरी उत्पादों का स्वाद इसलिए भी खास है क्योंकि आजादी से पहले यहां बड़ी संख्या में अंग्रेज रहा करते थे। बेकरी उत्पाद भारतीय नहीं हैं, यहां के लोग दाल, रोटी, सब्जी, चावल खाते थे। अंग्रेजों के स्टाफ में कुछ भारतीय उनके लिए केक, बिस्किट आदि बनाया करते थे। आजादी के बाद अंग्रेज यहां से चले गए, लेकिन बेकरी उत्पाद बनाने वाले कारीगर यहीं रह गए। दूसरा बड़ा कारण यह है कि दून का मौसम बेकरी उत्पादों के लिए पूरी तरह अनुकूल है। साथ ही दून के पानी में कई ऐसे मिनरल्स होते हैं, जो बेकरी उत्पादों को बेहतर बनाते हैं।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के बेकरी उत्पाद पहाड़ों से लेकर मैदानों तक में खरीदे जाते हैं। इसके पीछे की वजह उनका बेहतरीन स्वाद है। आज हम आपको देहरादून की एक ऐसी बेकरी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत आजादी के वक्त हुई थी और उसके बाद से इसका स्वाद आज तक लोगों के मुंह में है। दरअसल, सनराइज बेकर्स देहरादून की सालों पुरानी और बेहद मशहूर बेकरी है, जो घोसी गली में भारत-पाक बंटवारे के दौरान शुरू हुई थी। इस बेकरी के प्लम केक, गोल्ड रस्क और क्रीमरोल काफी मशहूर हैं।