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चराईदेव जिला भारत के असम राज्य का एक ज़िला है। इसकी स्थापना सन् 2015 में शिवसागर ज़िले के विभाजन से हुई थी और ज़िले का मुख्यालय सोनारी है।

चराईदेव जिले के किसानों की एक बड़ी संख्या का मुख्य व्यवसाय अभी भी कृषि है। किसानों के लिए मूल समस्या यह है कि सिंचित क्षेत्र कम है और कुछ क्षेत्र पूरे वर्ष के लिए जलभराव हो जाता है। जिले का मुख्य जोर टिकाऊ कृषि के माध्यम से और पानी के विवेकपूर्ण उपयोग से किसानों की लाभप्रदता में वृद्धि करना है। विभिन्न विस्तार गतिविधियों के माध्यम से अपने ज्ञान के स्तर को अद्यतन करके किसानों, ग्रामीण युवाओं और ग्रामीण महिलाओं के समग्र विकास के लिए जाना समय की मांग है। इस जिले में चावल-आलू-दालें, चावल-दालें, चावल-चावल, चावल-सब्जी आदि जैसी फसल प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

चावल (नरम चावल) आधारित उत्पाद (पिठा, फूला हुआ चावल, फ्लेक्ड चावल) को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में चावल (नरम चावल) आधारित उत्पाद (पिठा, फूला हुआ चावल, फ्लेक्ड चावल) के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

चावल की ऐसी किस्म को जीआई (जियॉग्रफिकल इंडिकेशंस) का टैग मिल गया है जिसे खाने के लिए उबालने की जरूरत नहीं होती है। बोका चाउल (चावल) या असमिया मुलायम चावल (ओरीजा सातिवा), असम की ऐसी प्राकृतिक उपज है, जिसके बारे में सुनकर लोग अक्सर चौंक जाते हैं। यह सर्दियों का चावल है, जिसे जून के तीसरे या चौथे हफ्ते से बोया जाता है। दिलचस्प है कि यह फसल की कोई नई प्रजाति नहीं है। इस चावल का इतिहास 17वीं सदी से जुड़ा है।

यह चावल वाकई अनोखा है, क्योंकि इसे पकाने के लिए आपको किसी ईंधन की जरूरत नहीं है। इसे खाने के लिए बस सामान्य तापमान पर इसे कुछ देर तक पानी में भिगो दीजिए। यह बनकर तैयार हो जाएगा। बिल्कुल वैसे ही जैसे आप चना, मूंग या बादाम को अंकुरित कर खाते हैं। असम में स्थानीय लोग इस चावल को दही, गुड़, दूध, चीनी या अन्य वस्तुओं के साथ खाते हैं। पारंपरिक पकवानों में भी इस चावल का उपयोग किया जाता है।

धान (Paddy) एक प्रमुख फसल है जिससे चावल निकाला जाता है। यह भारत सहित एशिया एवं विश्व के बहुत से देशों का मुख्य भोजन है। विश्व में मक्का के बाद धान ही सबसे अधिक उत्पन्न होने वाला अनाज है।