1200 रुपए के चंदे से शुरू हुआ था देश का पहला प्राइवेट कॉलेज

1200 रुपए के चंदे से शुरू हुआ था देश का पहला प्राइवेट कॉलेज
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Kisaan Helpline

Scheme Jul 09, 2015
पुणे- करीब 100 साल पुराने महाराष्ट्र के 3 कॉलेजों को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने धरोहर घोषित किया है। यूजीसी ने धरोहर कॉलेज स्कीम के तहत प्रस्ताव मांगे थे। इसके लिए देशभर से 60 कॉलेजों ने आवेदन दिया था। महाराष्ट्र के जिन कॉलेजों को धरोहर में शामिल किया गया है उनमें मुंबई का सेंट जेवियर्स कॉलेज, पुणे का फर्ग्यूसन कॉलेज और नागपुर का हिसलॉप कॉलेज शामिल हैं। देश के पहले प्राइवेट कॉलेज के रूप में प्रसिद्ध फर्ग्यूसन कॉलेज को मिले इस सम्मान के बाद dainikbhaskar.com आपको इस कॉलेज के बारे में बताने जा है। इस कॉलेज की स्थापना सन् 1885 में उस समय मुंबई के गवर्नर सर जेम्स फर्ग्यूसन द्वारा दिए गए 1200 रुपए के चंदे से हुई थी। इन्हीं के नाम से इस कॉलेज का नाम भी रखा गया।

 

इसका ऐतिहासिक महत्व है

 

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इस कॉलेज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने 1984 में अखिल भारतीय कांग्रेस के कुछ सदस्यों को साथ लेकर डेक्कन एजुकेशन सोसायटी की स्थापना की। 1985 में इस सोसाइटी ने फर्ग्यूसन कॉलेज शुरू किया। देश के दो प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव और विश्वनाथ प्रताप सिंह समेत कई बड़े नाम इस कॉलेज के छात्र रह चुके हैं।

 

पुणे यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड

 

फर्ग्यूसन कॉलेज का संचालन डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी (डीईएस) द्वारा होता है। फिलहाल फर्ग्यूसन कॉलेज पुणे यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है। इसे NAAC से A ग्रेड का दर्जा हासिल है।

 

हरा भरा कैंपस

 

पुणे शहर के बीचों-बीच बेहद सुंदर और शांत जगह पर करीब 65 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसके कैंपस के आस-पास और भी कई शिक्षण संस्थान हैं। स्टूडेंट, फैकल्टी और स्टाफ की सुविधा के लिए फर्ग्यूसन कॉलेज रोड पर कई रेस्टोरेंट, होटल और मनोरंजन केंद्र मौजूद हैं।

 

विक्टोरियन स्टाइल में बनी बिल्डिंग
कॉलेज के बीचों-बीच विक्टोरियन स्टाइल में बनी मुख्य बिल्डिंग, सेंट्रल ऑफिस और प्रिंसिपल का कक्ष मौजूद है। इसके पूर्व में स्टेटिस्टिक्स और साइकोलॉजी विभाग, पश्चिम में इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट, दक्षिण में आर.पी परांजपे बिल्डिंग, बॉटनी, जूलॉजी, जियोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक और फिजिक्स डिपार्टमेंट मौजूद है।

 

एन एम वाडिया एम्फीथिएटर

 

सेंट्रल गार्डन के पश्चिम में वाडिया एम्फीथिएटर बना है। इस हॉल में एक साथ 1000 छात्रों के बैठने की जगह है।

 

वाडिया लाइब्रेरी
1929 में बनी बाई जेराबाई वाडिया लाइब्रेरी में 4 लाख के आसपास किताबें और रिसर्च जनरल मौजूद हैं। इस लाइब्रेरी में एक साथ 400 छात्र बैठ कर पढ़ सकते हैं। यहां हाउस बुक्स, मेन्यू स्क्रिप्ट्स, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के हजारों लेख मौजूद हैं।

 

किमया (ओपन एयर थिएटर)

 

कैंपस के उत्तरी ओर किमाया नाम से एक ओपन एयर थिएटर मौजूद है। कैंपस में छात्रों के हैंगआउट का सबसे फेमस स्पॉट है। यह थिएटर बिना किसी बीम से बना हुआ है। इस थिएटर की 8 दीवारें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

 

बॉटनिकल गार्डन

 

2 एकड़ में बने बॉटनिकल गार्डन का निर्माण1902 में कॉलेज के एक प्रोफेसर द्वारा किया गया था। 1961 में यह गार्डन पुणे में आई बाढ़ के बाद नष्ट हो गया था, जिसे बाद में छात्रों के प्रयास से फिर से शुरू किया गया। इस गार्डन में कई विश्व प्रसिद्ध हर्बल औषधियां और वनस्पति मौजूद हैं।

 


जिमखाना और ग्राउंड

कैंपस में क्रिकेट, हॉकी और फुटबाल के लिए मैदान बना हुआ है। इसके अलावा कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, और मलखंभ जैसे खेल के लिए विशेष ग्राउंड हैं

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