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बठिंडा (Bathinda) भारत के पंजाब राज्य के बठिन्डा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।

भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग की ओर से एक जिला एक उत्पाद की सूची में बठिंडा जिला के उत्पाद के रूप में शहद को शामिल किया है। बठिंडा शहद मंडी बनकर उभरेगा और बड़े-बड़े कारोबारी व घराने यहां से शहद खरीदने पहुंचेंगे।

प्राइम मिनिस्टर फार्मूलेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (पीएमएफएमई) के तहत एक जिला एक उत्पाद के रूप में बठिंडा के शहद को शामिल करने से इस उत्पाद को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलने से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होने के नए रास्ते बनेंगे।

पंजाब में शहद की सबसे ज्यादा पैदावार बठिंडा जिले में होती है और जिले के हरेक ब्लॉक में किसान परिवार की ओर से मधुमक्खी पालन से शहद उत्पादन किया जा रहा है। नथाना ब्लॉक में सबसे ज्यादा शहद उत्पादन होता है जबकि संगत, तलवंडी साबो, मौड़, रामपुरा व बठिंडा ब्लॉक में भी शहद का उत्पादन है।

जिले में 25 हजार बक्से हैं जिनमें से हर साल प्रति बक्सा 30 किलोग्राम के अनुपात में लगभग 810 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन होता है। अमूमन अक्टूबर से फरवरी तक शहद उत्पादन होता है।

ज्यादातर छोटे मधुमक्खी पालक शहद निकाल बड़े शहद उत्पादक को देते हैं, जबकि कुछ बड़े उत्पादक शहद को प्यूरीफाई कर खन्ना, लुधियाना के व्यापारियों के अलावा मार्कफेड को बेचते हैं, जबकि खुद भी प्रोसेस कर अपने स्तर पर मार्केटिंग करते हैं। जिले के शहद उत्पादन में गुरचरण सिंह तुंगवाली और अपरपाल सिंह के नाम अग्रणी किसानों में हैं।

छोटे उद्यमियों को स्थापित करने के लिए कम ब्याज दरों पर मिलेगा लोन

35 प्रतिशत सब्सिडी पर लोन
योजना के तहत मधुमक्खी पालकों को नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनका उत्पाद बाजार में दूसरे उत्पादों की बराबरी कर पाने में सक्षम होगा। शहद के छोटे उद्यमियों को स्थापित होने में आर्थिक मदद देने के लिए एमएसएमई के तहत बेहद कम ब्याज दरों पर बिजनेस लोन दिया जाएगा, जिसमें 10 लाख रुपए तक का कर्ज 35 प्रतिशत सब्सिडी पर दिया जाएगा।

इस फंड में 60% केंद्र सरकार जबकि 40% प्रदेश सरकार का शेयर रहेगा। योजना के तहत चयनित उद्यमियों और सेल्फ हेल्प ग्रुप को प्रशिक्षण व शोध सहायता प्रदान करने संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी।

पंजाब के हर जिले में कुछ खास पारंपरिक उद्योग हैं, जिन्हें बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट योजना शुरू की है। पंजाब के अलग-अलग जिले की खोई पहचान वापस दिलाने को एमएसएमई सेक्टर के लिए ओडीओपी योजना लाई गई।

इस योजना के शुरू होने के बाद से कई जिलों का सामान देश-प्रदेश में ही नहीं बल्कि विदेश तक निर्यात होने लगा है। व्यवस्था के तहत पंजाब के सभी जिलों का अपना एक प्रोडक्ट होगा, जो उसकी पहचान बनेगा। स्थानीय कला का विकास करना और प्रोडक्ट की पहचान दिलाने के साथ कारीगरों को मुनाफा दिलाना इस योजना का मकसद है।

बठिंडा की पहचान शहद है, एक जिला एक उत्पाद का मुख्य उद्देश्य ही हर छोटे कारोबारी को प्रोत्साहित करके उद्योग को बढ़ावा देना है। इस स्कीम के अंतर्गत हर छोटे व मध्यम शहद उत्पादक से संपर्क करके उन्हें जागरूक किया जा रहा है और कारोबार संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा रही है।

इसके अलावा छोटे व मध्यम शहद उत्पादक से कारोबार को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले लोन के लिए भी आवेदन करवाया जा रहा है।

Bathinda जिले की प्रमुख फसलें