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बाराबंकी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला एवं लोकसभा क्षेत्र है। जिले का मुख्यालय बाराबंकी है।

बाराबंकी में महाभारत काल की महत्ता के कई स्थल अभी भी मौजूद हैं। यहाँ के कुंतेश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसकी स्थापना पांडवों की माता कुन्ती ने की थी। इस मंदिर के निकट ही एक पारिजात का वृक्ष व कांवरिया महादेव स्थित हैं। बाराबंकी जनपद फैजाबाद मंडल का एक भाग है। इस जनपद में पाये जाने वाले खनिजों में रेत प्रमुख है जो नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में प्रचुरता से पायी जाती है। इस खनिज का प्रयोग निर्माण कार्यों में प्रमुखता से किया जाता है। इसके अतिरिक्त बाराबंकी जनपद ईंट की मिट्टी के लिए भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यू.पी.एस.आई.डी.सी.), कुर्सी रोड औद्योगिक क्षेत्र, देवा रोड औद्योगिक क्षेत्र, रसूल पनाह लघु औद्योगिक क्षेत्र व इसमाइलपुर बाराबंकी जनपद के कुछ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र हैं। यह जनपद हैंडलूम के ज़रिये कपड़ा बनाने में ख्यात है। आसपास के क्षेत्रों में सूती वस्त्रों की अत्यधिक माँग के कारण, यहाँ पारंपरिक तरीकों से निर्मित हैंडलूम वस्त्रों की माँग बनी रहती है। कपड़ा बुनाई का काम जनपद के नगरीय व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में किया जाता है।

एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पुदीना (Mint) को ODOP Scheme में चयनित किया गया। 

मेंथा के उत्पादन की अगर बात करें तो देश की 90 फीसदी फसल उत्तर प्रदेश में उगाई जाती है। उसमें भी बाराबंकी जिले में सबसे ज्यादा मेंथा की खेती होती है। बाराबंकी को मेंथा का गढ़ कहा जाता है। यहां बागवानी विभाग के मुताबिक करीब 88000 हेक्टेयर में मेंथा की फसल लगाई जाती है। बाराबंकी अकेले प्रदेश में कुल तेल उत्पादन में 25 से 33 फीसदी तक योगदान करता है।

भारत में पुदीना की व्यावसायिक खेती लगभग तीन दशकों से की जा रही है। इनमें जापानी पुदीना का स्थान सर्वोपरि है। इसमें 65 से 75 प्रतिशत मेंथॉल पाया जाता है। वर्तमान में उत्तरप्रदेश इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी इसकी पैदावार होती है।

पुदीना से प्राप्त सुगंधित तेल और इसमें पाए जाने वाले अवयवों का उपयोग व्यापक रूप से सौंदर्य प्रसाधनों, विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों सुगंधित करने, मेंथॉल बनाने, टॉफी बनाने, पान के मसालों को सुगंधित करने, खांसी, सर्दी -जुकाम, कमर दर्द के लिए मलहम बनाने और गर्मियों में पेय पदार्थ निर्माण आदि के लिए विश्व भर में उपयोग किया जाता है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा ऑयल उत्पादक और निर्यातक है। मेंथा ऑयल की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है। देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है। पश्चिमी यूपी के जिले संभल, रामपुर, चंदौसी मेंथा का उत्पादन करने वाले बड़े क्षेत्र हैं, जबकि लखनऊ के पास बाराबंकी जिला भी मेंथा ऑयल का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है। इसके अलावा पंजाब, बिहार के तराई वाले इलाके और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी मेंथा की खेती हो रही है। मेंथा का इस्तेमाल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है।