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बलरामपुर ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय बलरामपुर है।

बलरामपुर उत्तर प्रदेश का एक जनपद व नगर पालिका परिषद है । यह राप्ती नदी के किनारे स्थित है। बलरामपुर में खाद्य प्रसंस्करण का कार्य प्रभावी रूप से होता है। औद्योगिक प्रगति के अतिरिक्त बलरामपुर प्रचुर मात्रा में रेत आपूर्ति करता है जो भवन व अन्य निर्माण कार्यों में बहुत सहायक है । बलरामपुर की मिट्टी कृषि कार्यों के लिए सर्वथा उपयुक्त है। बलरामपुर तराई क्षेत्र में बसा है और इस कारण यहाँ मसूर दाल की खेती मुख्य रूप से होती है । यहाँ पर मसूर दाल की पाँच किस्में पायी जाती है । यहाँ की उच्च कोटि की मसूर दाल प्रदेश के दूसरे भागों के अतिरिक्त बंगाल और असम तक भेजी जाती है।

एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत उत्तरप्रदेश के बलरामपुर जिले में मक्का उत्पाद (Corn Product)को चयनित किया गया। 

उत्तर प्रदेश में खरीफ में धान के बाद मक्का मुख्य फसल है, लेकिन जितना उत्पादन मिलना चाहिए उतना नहीं हो पाता है, ऐसे में प्रदेश में मक्का की खेती का रकबा और उत्पादन बढ़ाने के पहल की जा रही है।

मक्का (वानस्पतिक नाम : Zea maize) एक प्रमुख खाद्य फसल हैं, जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आता है। इसे भुट्टे की शक्ल में भी खाया जाता है। मक्का की फसल में नर भाग पहले परिपक्व हो जााता है।

भारत मे 7 प्रकार के मक्का पाए जाते है-
  • पॉप कॉर्न
  • स्वीट कॉर्न
  • फ्लिंट कॉर्न
  • वैक्सि कॉर्न
  • पॉड कॉर्न
  • सॉफ्ट कॉर्न
  • डेंट कॉर्न

भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर 2700 मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का सफलतापूर्वक उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है।

मक्का का उपयोग 
चपाती के रूप मे, भुट्टे सेंककर, मधु मक्का को उबालकर कॉर्नफलेक्स, पॉपकार्न, लइया के रूप मे आदि के साथ-साथ अब मक्का का उपयोग कार्ड आइल, बायोफयूल के लिए भी होने लगा है। लगभग 65 प्रतिशत मक्का का उपयोग मुर्गी एवं पशु आहार के रूप मे किया जाता है। साथ ही साथ इससे पौष्टिक रूचिकर चारा प्राप्त होता है।

Balrampur जिले की प्रमुख फसलें