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कबीरधाम ज़िला (Kabirdham district) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक ज़िला है। यह पहले कवर्धा ज़िला (Kawardha district) कहलाता था। ज़िले का मुख्यालय कवर्धा है।

कबीरधाम जिला पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादन वाला जिला है। यहां हर वर्ष लगभग 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में गन्ने की फसल ली जाती है। आमतौर पर कबीरधाम जिले में गन्ना, चना, गेंहू, धान, राहर की फसल ली जाती है। 

कबीरधाम जिला पूरे प्रदेश में भोरमदेव मंदिर के साथ अब शक्कर उत्पादन के लिए अपनी पहचान बना चुका है। यह शक्कर गन्ने के रस से बनता है और गन्ने का उत्पादन कबीरधाम में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अब केन्द्र सरकार के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के लिए भी कबीरधाम जिले के लिए गन्ने को ही चुना गया है।

गन्ने से जुड़े प्रोडक्ट व उद्योगों के विकास के लिए इस पर विस्तृत योजना बनाकर काम किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कबीरधाम जिले में इस बार लगभग 24 हजार हेक्टेयर से भी ज्यादा के रकबे में गन्ने की खेती हो रही है। ये गन्ने जिले में न सिर्फ दो शक्कर कारखानों तक पहुंचता है, बल्कि जिले के 200 से भी ज्यादा गुड़ फैक्ट्रियों को भी इन्हीं खेतों से गन्ने की सप्लाई होती है। अब गन्ने से जुड़े उत्पादों को बढ़ाने के लिए जिले में इससे जुड़े छोटे-मझोले उद्योगों बढ़ावा देने की दिशा में काम शुरू होगा।

एक दौर की बैठक हो चुकी है: कृषि विभाग कबीरधाम के अधिकारी मोरध्वज डड़सेना बताते हैं कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत एक दौर की बैठक हो चुकी है। कबीरधाम जिले के लिए गन्ने को इस योजना के तहत चुना गया है। गन्ने से बनने वाले प्रोडक्ट और इससे जुड़े छोटे-मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इस पर काम किया जाना है। हालांकि, इस योजना पर काम कैसे किया जाना है इसे लेकर पक्का रोडमैप नहीं मिला है, ऐसे में इसके काम की शुरुआत नहीं हो सकी है। उल्लेखनीय है कि जिले में रोजगार के लिए हर साल ग्रामीण क्षेत्र से लोग पलायन कर बड़े शहरों में जाते हैं। गन्ने पर आधारित उद्योग स्थापित होने से इन्हें रोजगार मिलेगा।

जिला गुड़ उद्योग संघ से कोषाध्यक्ष श्री श्याम वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कबीरधाम जिला कृषि के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता के गन्ना उत्पादक जिले के रूप में कृतिमान स्थापित किया है। यहां राज्य शासन द्वारा संचालित दो शक्कर कारखाना होने के बाद भी निजी तौर पर तीन सौ से अधिक गुड़ उद्योग संचालित है।