Kisaan Helpline
IIT रुड़की और उत्तर प्रदेश
सरकार ने एक नई योजना शुरू की है जिससे किसान पर्यावरण संरक्षण के लिए खेती करते
हुए कार्बन क्रेडिट कमा सकते हैं।
इससे किसानों की सालाना आय में प्रति हेक्टयर ₹5,000 से ₹8,000 तक की अतिरिक्त बढ़ोतरी हो सकती है।
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कार्बन क्रेडिट एक प्रमाण पत्र है
जो यह बताता है कि आपने धरती को प्रदूषण से बचाने में मदद की है।
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जब किसान पर्यावरण के
अनुकूल खेती करते हैं, तो वे इस क्रेडिट के हकदार होते हैं।
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बड़ी कंपनियां अपने प्रदूषण को संतुलित करने के लिए ये
क्रेडिट खरीदती हैं।
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किसान योजना में पंजीकरण कराएंगे।
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उन्हें कुछ सतत खेती के तरीके अपनाने होंगे जैसे कम जुताई, जैविक खाद का
उपयोग, और खेत में पराली जलाने से बचना।
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IIT रुड़की उपग्रह और
ड्रोन की मदद से खेत की जांच करेगा।
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जांच के बाद किसान के खाते में सीधे ₹5,000-₹8,000 प्रति हेक्टयर भुगतान किया जाएगा।
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कम जुताई ताकि मिट्टी
स्वस्थ रहे।
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कवर क्रॉपिंग से खेत को खाली न
छोड़ना।
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पराली जलाने से बचना और इसे मिट्टी में
मिलाना।
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खेत के किनारों या बीच में पेड़ लगाना।
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रासायनिक खाद की बजाय जैव उर्वरक का इस्तेमाल।
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किसानों को बिना अतिरिक्त काम के अतिरिक्त आय मिलेगी।
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मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी जिससे फसल भी अच्छी होगी।
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रासायनिक खाद और डीजल के खर्चे कम होंगे।
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भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में
आएगा, बिना किसी बीच वाले के।
Q1: क्या इस योजना में
शामिल होने के लिए कोई फीस देनी होगी?
नहीं, यह योजना पूरी तरह
से सरकार द्वारा समर्थित है और इसमें कोई फीस नहीं है।
Q2: क्या यह मेरी फसल
को नुकसान पहुंचाएगा?
नहीं, यह योजना आपकी फसल
की गुणवत्ता और मिट्टी की सेहत को बेहतर बनाएगी।
Q3: मेरी खेती की जांच
कैसे होगी?
IIT रुड़की उपग्रह और
डिजिटल तकनीक से जांच करेगा, आपको बार-बार
कागजी काम नहीं करना होगा।
Q4: मैं अपनी खेती के
लिए कब इस योजना का लाभ ले सकता हूँ?
योजना सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर संभाग में शुरू
हुई है। भविष्य में इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।
यह योजना किसानों के लिए नयी आय का बढिय़ा
अवसर है। कार्बन क्रेडिट से किसान अपने खेत और पर्यावरण दोनों की रक्षा करेंगे और
साथ ही अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर पाएंगे। सतत और पर्यावरण-हितैषी खेती अपनाकर
किसान अपने भविष्य और धरती दोनों को सुरक्षित बना सकते हैं।