गेहूँ की किस्म - एच.आई. 8627 (मालवकीर्ति) H.I. 8627 रबी सीजन के लिए उपयुक्त, जल्दी पकने वाली और उच्च उपज देने वाली किस्म है। एच.आई. 8627 (मालवकीर्ति) H.I. 8627 गेहूँ की किस्म झुलसा और पत्ती के धब्बेदार रोगों के प्रति सहनशील है और कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है। इसके दाने भरे-पूरे और चमकीले होने के कारण, एच.आई. 8627 गेहूँ की किस्म बाजार में अच्छी मांग रखती है।
फसल सीजन:
रबी सीजन
बुवाई अवधि:
15 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक उपयुक्त
किस्म का नाम:
एच.आई. 8627 (मालवकीर्ति) H.I. 8627
बीज की मात्रा:
100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
उपज:
42–47 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
अवधि:
120–125 दिन
खेती का क्षेत्र:
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र
पानी की आवश्यकता:
कम पानी में भी संतोषजनक उपज
सामान्यतः 3–4 सिंचाई पर्याप्त
मुख्य विशेषताएं:
तेज़ विकास और समान रूप से पकने वाली किस्म
पौधे मध्यम ऊँचाई के, गिरने की संभावना कम
दाने भरे-पूरे, चमकीले और आटे की गुणवत्ता उत्तम
झुलसा (Rust) और पत्ती के धब्बेदार रोगों के प्रति सहनशील
गर्मी और हल्के सूखे के प्रति सहनशील
अन्य विवरण:
एच.आई. 8627 की समय पर खेती करने से अधिक उपज मिलती है
यह किस्म विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी है जहाँ पानी की उपलब्धता सीमित हो
बाजार में इस किस्म के गेहूँ की चमक और पिसाई गुणवत्ता के कारण आसानी से खरीदार मिल जाते हैं