गेहूँ की किस्म - Wheat - DL 788-2 (गेहूं - डीएल 788-2 (विदिशा)) गेहूं की एक प्रसिद्ध देशी किस्म है जिसे विशेष रूप से कम सिंचाई वाले क्षेत्रों और मध्यम उपज की आवश्यकता वाले किसानों के लिए विकसित किया गया है। D.L. 788-2 (Vidisha) अपनी स्थिर उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता और रोटी की बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जानी जाती है। यह किस्म मुख्यतः असिंचित व सीमित संसाधनों वाले खेतों के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
फसल सीजन:
रबी सीजन
बुवाई का समय:
15 अक्टूबर से 30 नवंबर तक (क्षेत्र के तापमान और नमी के अनुसार)
किस्म का नाम:
डी.एल. 788-2 (विदिशा) [D.L. 788-2 (Vidisha)]
बीज की मात्रा:
100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यदि ड्रिल विधि से बुवाई की जाए)
120 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यदि छिटकवां विधि से बुवाई की जाए)
फसल अवधि:
लगभग 115–120 दिन में पकने वाली किस्म
उपज क्षमता:
सिंचित अवस्था में: 38–42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
वर्षा पर आधारित खेती में: 30–34 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
खेती का क्षेत्र:
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान
प्रतिरोधक क्षमता:
पीला रतुआ (Yellow Rust) के प्रति मध्यम सहनशील
पाउडरी मिल्ड्यू व ब्राउन रस्ट के प्रति सहनशील
गिरने की संभावना कम
विशेषताएँ:
स्थिर उपज देने वाली improved variety
मध्यम अवधि में पकने वाली
रोटी बनाने के लिए बेहतरीन गुणवत्ता
दाने मध्यम आकार के, चमकदार
तना मजबूत और गिरने से सुरक्षित
सीमित सिंचाई और असिंचित परिस्थितियों में भी उपयुक्त प्रदर्शन
अन्य विवरण:
राज्य: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान
अनुमोदन वर्ष: अनुशंसा वर्ष – 1995 के आसपास (मध्य भारत क्षेत्र के लिए)
उपयुक्त जलवायु: शुष्क व अर्ध-शुष्क जलवायु के लिए उपयुक्त
कटाई का समय: फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक