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मध्यप्रदेश में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर और स्मार्ट सीडर पर मिल रही सब्सिडी, 24 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन शुरू
मध्यप्रदेश सरकार
किसानों की खेती को आसान और लाभदायक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी दिशा
में कृषि अभियांत्रिकी विभाग ने किसानों को हैप्पी सीडर,
सुपर सीडर और स्मार्ट सीडर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों पर
सब्सिडी देने की योजना शुरू की है।
क्या है योजना का
उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य
उद्देश्य किसानों को आधुनिक खेती के लिए जरूरी यंत्र कम कीमत पर उपलब्ध कराना है।
इससे किसान कम समय, कम श्रम और कम लागत में खेती कर सकते हैं, जिससे उनका उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़ेगा।
आवेदन की शुरुआत कब से?
किसान 24 जुलाई 2025 से ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्राप्त होने के बाद लॉटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा और चुने गए किसानों
को कृषि यंत्रों पर अनुदान मिलेगा।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
सरकार की योजना के
अनुसार किसानों को यंत्र की लागत पर 40% से 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी किसान की श्रेणी,
जाति और जोत के आकार के अनुसार तय की जाती है।
किसान ई-कृषि यंत्र
पोर्टल पर जाकर सब्सिडी कैलकुलेटर से यह देख सकते हैं कि उन्हें कितनी सब्सिडी मिल
सकती है।
आवेदन के लिए जरूरी है
डिमांड ड्राफ्ट
जो किसान इस योजना का
लाभ लेना चाहते हैं उन्हें आवेदन करते समय डिमांड ड्राफ्ट (DD)
बनवाना जरूरी है। यह डीडी किसान को अपने बैंक खाते से
बनवाकर स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
नीचे दिए गए यंत्रों
के लिए डीडी की राशि समान है:
·
हैप्पी
सीडर – ₹4500/-
·
सुपर
सीडर – ₹4500/-
·
स्मार्ट
सीडर – ₹4500/-
यह राशि धरोहर
(सिक्योरिटी) के रूप में जमा करनी होती है। बिना डीडी के किया गया आवेदन अस्वीकृत
कर दिया जाएगा।
आवेदन के लिए जरूरी
दस्तावेज
किसान भाइयों को आवेदन
करते समय और लॉटरी में चयन होने पर कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी:
·
आधार
कार्ड (आधार से लिंक मोबाइल नंबर)
·
बैंक
पासबुक की प्रथम पृष्ठ की फोटो कॉपी
·
खसरा/खतौनी
या B-1 की नकल
·
ट्रैक्टर
का रजिस्ट्रेशन कार्ड
·
डिमांड
ड्राफ्ट की स्कैन कॉपी
आवेदन कहाँ करें?
·
किसान
इस योजना के लिए e-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
·
पहले
से पंजीकृत किसान अपने आधार OTP से लॉगिन कर सकते हैं।
·
नए
किसान MP
Online या CSC
सेंटर पर जाकर बायोमैट्रिक आधार सत्यापन के साथ पंजीकरण करा
सकते हैं।
योजना का लाभ क्यों लें?
·
खेत
की तैयारी और बुआई के समय कम मेहनत
·
फसल
अवशेषों का बेहतर प्रबंधन
·
मृदा
में पोषक तत्वों की वृद्धि
·
उत्पादन
लागत में कमी और पैदावार में वृद्धि
कहां से लें अधिक
जानकारी?
अगर किसानों को आवेदन
या योजना से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए तो वे अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या
ब्लॉक लेवल कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार की
यह योजना किसानों को तकनीक से जोड़ने और खेती को आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम
है। जिन किसानों के पास ट्रैक्टर है और वे बुआई या अवशेष प्रबंधन के आधुनिक यंत्र
लेना चाहते हैं, उनके
लिए यह सुनहरा अवसर है। इसलिए सभी इच्छुक किसान 24 जुलाई से पहले तैयारी पूरी कर लें और समय पर आवेदन कर योजना
का लाभ उठाएं।
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