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सोयाबीन की खेती: सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए उपयोगी सलाह

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सोयाबीन की खेती: सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए उपयोगी सलाह
सोयाबीन की खेती: सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए उपयोगी सलाह

Soybean Farming: सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए उपयोगी सलाह
  • जहा पर केवल चक्र भृंग (गिर्डल बीटल) का प्रकोप हो, इसके नियंत्रण हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही | टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी) 1 ली/ है (या इमामेक्टीन बेन्जोएट 425) मिली है का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें।

  • चक्र भृंग तथा पत्ती खानेवाली इल्लियों के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्बडा सायहेलोविन 04.60 % ZC (200 मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड ) 350 मिली/ है (या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम + लैम्बडा सायहॅलोथ्रिन) 125 मिली/ है ( का छिडकाव करें इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता हैं।


  • जहा पर तीनों प्रकार की पत्ती खाने वाली इल्लियाँ हो, इनके एक साथ नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिड़काव करें : क्विनालफॉस 25 ई.सी. (1 ली/हे). या ब्रोफ्लानिलिडे 300 एस.सी. ( 42 62 ग्राम/हे). या फ्लूबेडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस सी (333 मि.ली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 प.सी. (250-300 मिली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50% एस.स " एस. सी. (825-875 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस. सी. (150 मि.ली. /हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे). या फ्लूबेडियामाइड 20डब्ल्यू. जी ( 250-300 ग्राम/हे) या लैम्बडा सायहेलोविन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. (1 ली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7एस.सी ( 450 मिली/हे), या पूर्वमिश्रित बीटासायस्तुनिन + इमिडाक्लोप्रिड) 350 मिली / है (या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन) 125 मिली/ है (या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC (200 मिली/हे) का छिडकाव करें।
  • जहाँ पर केवल तना मक्खी का प्रकोप हो, इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोबिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) का छिड़काव करें।

  • जहाँ पर केवल तम्बाकू की इल्ली का प्रकोप हो, इसके नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी एक कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह हैं. इससे पत्ती खाने वाली अन्य इल्लिया (चने की इल्ली या सेमीलूपर इल्ली) का भी नियंत्रण होगा। लैम्बडा सायहेलोनिन 04.90 सी.एस. (300 मिली/हे) या क्विनालफॉस 25 ई.सी. (1 ली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी ( 150 मिली/हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मिली/हे) या बोफ्लानिलिडे 300 एस.सी. (42-62 ग्राम/हे) या फ्लूबेडियामाइड 20डब्ल्यू. जी. (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेडियामाइड 39.35 एस.सी ( 150 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस .सी. (333 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी. (1 ली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7एस.सी ( 450 या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एम.सी. (250-300 मिली/हे). मिली/हे)
  • पीला मोज़ेक रोग के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्खी की रोकथाम हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोविन 125 ) मिली/हे (या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड 350) मिली/ हे (का छिड़काव करें इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगण अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

  • कुछ क्षेत्रो में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट का प्रकोप होने की सूचना प्राप्त हुई है. कृषकों को सलाह हैं कि नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाझोल %5 ईसी (1 मिली/ली पानी) का छिड़काव करें।

  • जैविक सोयाबीन उत्पादन में रुची रखने वाले कृषक गण पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाखू की इल्ली) की छोटी अवस्था की रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा व्युवेरिया बेसिजाना या नोमूरिया रिलेयी (1 ली/हे) का प्रयोग कर सकते हैं यह भी सलाह है कि प्रकाश प्रपंच का भी उपयोग कर सकते हैं।

  • सोयाबीन की फसल में तम्बाखू की इल्ली एवं चने की इल्ली के प्रबंधन के लिए बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फिरोमोन ट्रैप्स एवं वायरस आधारित एन.पी.वी (250 एल.ई/ हेक्टे.) का उपयोग करें।

  • सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु "T" आकार के बर्ड-पर्चेस लगाये. इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।
  • अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं 3-4 जगह के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली/कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये।
  • कीटनाशक या खरपतवारनाशक के छिड़काव के लिए पानी की अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें (नेप्सेक स्प्रयेर से 450 लीटर / हे या पॉवर स्प्रेयर से 120 लीटर / हे न्यूनतम)
  • किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दूकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।