A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined offset: 0

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 510

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Trying to get property 'dist_name' of non-object

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 510

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined offset: 0

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 512

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Trying to get property 'distict' of non-object

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 512

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined offset: 0

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 551

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Trying to get property 'dist_name' of non-object

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 551

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined offset: 0

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 552

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Trying to get property 'state' of non-object

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 552

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined offset: 0

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 553

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Trying to get property 'country' of non-object

Filename: controllers/agritourism.php

Line Number: 553

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Trying to get property 'dist_name' of non-object

Filename: crops/advisory_detail.php

Line Number: 6

26 जून, 2022 तक के लिए साप्ताहिक मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह

Back to

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Trying to get property 'dist_name' of non-object

Filename: crops/advisory_detail.php

Line Number: 181

KVK
Social Share:
26 जून, 2022 तक के लिए साप्ताहिक मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह
26 जून, 2022 तक के लिए साप्ताहिक मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह

कृषि परामर्श सेवाओं, कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है।

धान की खेती के लिए विशेष सलाह 
जिन किसानों की धान की पौधशाला लग गयी हो वे बकानी रोग के लिए पौधशाला की निगरानी करते रहें तथा लक्षण पाये जाने पर कार्बेन्डिजम 2.0 ग्राम/लीटर पानी घोल कर छिडकाव करें।
धान की पौधशाला मे यदि पौधों का रंग पीला पड रहा है तो इसमे लौह तत्व की कमी हो सकती है। पौधों की ऊपरी पत्तियॉ यदि पीली और नीचे की हरी हो तो यह लौह तत्व की कमी दर्शाता है। इसके लिए 0.5 % फेरस सल्फेट +0.25 % चूने के घोल का छिडकाव करें।

मक्का फसल की बुवाई के लिए खेतों को करें तैयार 
इस मौसम में किसान मक्का फसल की बुवाई के लिए खेतो को तैयार करें। संकर किस्में ए एच-421 व ए एच-58 तथा उन्नत किस्में पूसा कम्पोजिट-3,पूसा कम्पोजिट-4 बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें।बीज की मात्रा 20 किलोग्राम/हैक्टर रखें। पंक्ति-पंक्ति की दूरी 60-75 से.मी. तथा पौधे से पौधे की दूरी 18-25 से.मी. रखें। मक्का में खरपतवार नियंत्रण के लिए एट्राजिन 1 से 1.5 किलोग्राम/हैक्टर 800 लीटर पानी में घोल कर छिडकाव करें।

चारे फसलों की बुवाई के लिए उपयुक्त समय
यह समय चारे के लिए ज्वार की बुवाई के लिए उपयुक्त हैं अतः किसान पूसा चरी-9, पूसा चरी-6 या अन्य सकंर किस्मों की बुवाई करें बीज की मात्रा 40 किलोग्राम/हैक्टर रखें तथा लोबिया की बुवाई का भी यह उप्युक्त समय है।

सितम्बर में तैयार होने वाली सब्जियों किस्में
  • यह समय मिर्च, बैंगन व फूलगोभी (सितम्बर में तैयार होने वाली किस्में) की पौधशाला बनाने के लिए उपयुक्त है। किसान भाई पौधशाला में कीट अवरोधी नाईलोन की जाली का प्रयोग करें, ताकि रोग फैलाने वाले कीटों से फसल को बचा सकें। पौधशाला को तेज धूप से बचाने के लिए छायादार नेट द्वारा 6.5 फीट की ऊँचाई पर ढक सकते है। बीजों को केप्टान (2.0 ग्राम/ कि.ग्रा बीज) के उपचार के बाद पौधशाला में बुवाई करें।
  • जिन किसानों की मिर्च, बैंगन व फूलगोभी की पौध तैयार है, वे मौसम को मध्यनजर रखते हुए रोपाई की तैयारी करें।
  • कद्दूवर्गीय सब्जियों की वर्षाकालीन फसल की बुवाई करें लौकी की उन्नत किस्में पूसा नवीन,पूसा समृद्वि करेला की पूसा विशेष, पूसा दो मौसमी, सीताफल की पूसा विश्वास, पूसा विकास तुरई की पूसा चिकनी धारीदार, तुरई की पूसा नसदार तथा खीरा की पूसा उदय, पूसा बरखा आदि किस्मों की बुवाई करें।
  • मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें। उसके उपरांत इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मि.ली./लीटर की दर से छिड़काव करें।
  • फलों के नऐ बाग लगाने वाले गड्डों की खुदाई कर उनको खुला छोड दें ताकि हानिकरक कीटो-रोगाणु तथा खरपतवार के बीज आदि नष्ट हो जावें।
सलाहकार समिति के वैज्ञानिक   
  • डा. अनन्ता वशिष्ठ (नोड़ल अधिकारी, कृषि भौतिकी संभाग)
  • डा.प्र. कृष्णन (अध्यक्ष, कृषि भौतिकी संभाग)  
  • डा.देब कुमार दास (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी संभाग)
  • डा.बी.एस.तोमर (संयुक्त निदेशक प्रसार (कार्यवाहक) एवं अध्यक्ष, सब्जी विज्ञान संभाग)
  • डा.जे.पी.एस. ड़बास (प्रधान वैज्ञानिक व इंचार्ज, केटेट)
  • डा.दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान संभाग)
  • डा.पी.सिन्हा (प्रधान वैज्ञानिक, पादप रोग संभाग)
  • डा. सचिन सुरेश सुरोशे (प्रधान वैज्ञानिक, कीट विज्ञान संभाग)