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शीतकालीन मक्का की खेती के लिए विशेष सलाह
शीतकालीन मक्का की खेती के लिए विशेष सलाह

मक्का की बुआई के 20-25 दिनों बाद पहली निराई-गुड़ाई करके सिंचाई कर दें। पुनः समुचित नमी बनाये रखने के लिए समय-समय पर सिंचाई करते रहें। रबी मक्का में प्रायः 4-6 सिंचाइयों की आवश्यकता पड़ती है। बुआई के लगभग 30-35 दिनों- बाद पौधों के लगभग घुटने तक की ऊंचाई के होने पर प्रति हैक्टर 87 कि.ग्रा. यूरिया की प्रथम टॉप ड्रेसिंग व इतनी ही मात्रा की दूसरी टॉप ड्रेसिंग नर-मंजरी निकलने से पूर्व करनी चाहिए। ध्यान रहे कि खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए।
मक्का के खेत को शुरू के 45 दिनों तक खरपतवाररहित रखना चाहिए। इसके लिए 2-3 निराई-गुड़ाई पर्याप्त रहती हैं। खरपतवारों के रासायनिक नियंत्रण के लिए एट्राजिन की 1-1.5 कि.ग्रा./हैक्टर मात्रा का छिड़काव करके भी नियंत्रित किया जा सकता है। एट्राजिन की आवश्यक मात्रा का 800 लीटर पानी में घोल बनाकर बुआई के बाद परंतु जमाव से पहले छिड़क देना चाहिए।
मक्का में वृतभेदक एक मुख्य कीट है। यह मक्का को शुरू की अवस्था में प्रभावित करता है। यदि पत्तियों पर छोटे छिद्र दिखाई दें तो बिना देरी किए 4 प्रतिशत कार्बोफ्यूरॉन दानों को प्रभावित पौधों में डालना चाहिए। कभी-कभी मक्का की फसल को कुछ कीट जैसे पाइरिला, आर्मीवर्म, कटवर्म आदि नुकसान पहुंचाते हैं। इनकी रोकथाम भी मोनोक्रोटोफॉस के छिड़काव से की जा सकती है।