मरवाही ज़िला (Gaurella-Pendra-Marwahi district) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक ज़िला है। गौरेला इसका मुख्यालय है। इस ज़िले का गठन बिलासपुर ज़िले का विभाजन कर किया गया और इसका उदघाटन फरवरी 2020 में किया गया।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही पर्यटन के क्षेत्र में समृद्घ जिला है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिले में स्थित राजमेरगढ़, माई की मड़वा, धनपुर, लखनघाट आदि स्थानों में जरूरी अधोसंरचना का विकास किया जाएगा। साथ ही अधिक से अधिक संख्या में पर्यटक पर्यटन स्थलों का अवलोकन कर सके, इसलिए जिले के पर्यटन स्थलों के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना बनाने के संबंध में चर्चा की गई। उन्होंने जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में प्रचुर मात्रा में उत्पादित स्थानीय फलों जैसे सीताफल, जामुन, मुनगा, कटहल के निर्यात को बढ़ावा देने के संबंध में भी विचार विमर्श किया।
मरवाही क्षेत्र में अत्याधिक मात्रा में सीताफल का उत्पादन होता है, यहां 1500 टन सीताफल का उत्पादन अनुमानतः होता है, जिसमें से 1000 टन सीताफल का ग्रामीणों से क्रय कर इससे पल्प निर्माण की योजना है। प्रति किलोग्राम सीताफल से 250 ग्राम पल्प, 150 ग्राम सीताफल का बीज एवं अवशिष्ट भाग 600 ग्राम प्राप्त होता है। पल्प निर्माण में औसतन 80 रुपये प्रति कि.ग्रा. का व्यय होता है, जबकि इसकी विक्रय 150 रुपए प्रति किलोग्राम या अधिक दर पर होता है, साथ ही 50 रुपए प्रति किलोग्राम में बीज का विक्रय होता है। सम्पूर्ण प्रक्रिया में इस प्रकार प्रति किलोग्राम सीताफल पर 30 रुपए शुद्ध लाभ प्राप्त होना आंकलित किया गया हैं, जो यहां की स्व-सहायता समूह दानीकुण्डी की महिलाओं को बोनस, संग्राहकों को बोनस एवं केन्द्र उन्नयन एवं विकास में समान रुप से विभक्त किया जायेगा अर्थात बोनस के अलावा एक तिहाई राशि समिति को प्रदत्त ऋण के रूप में दिया जायेगा। वर्तमान में सीताफल, जामुन, आम एवं महुआ फूल आइसक्रीम का निर्माण किया जायेगा। इस केन्द्र द्वारा निर्मित आइसक्रीम, कैंडी, लड्डू एवं अन्य खाद्य पदार्थ का नाम ट्रायबल डिलाईट ब्रांड के नाम से विक्रय किया जायेगा। इसके आउटलेट संजीवनी मार्ट, गढ़कलेवा, आइसक्रीम पार्लर एवं रेल्वे स्टेशनों में भी विक्रय किया जायेगा। इस प्रकार यह उपक्रम इस प्रदेश में अपने आप में अनूठा एवं नवाचार स्थापित करेगा।