जानिए सोयाबीन की उन्नत किस्म JS 20-98 के फायदे और खूबियाँ

जानिए सोयाबीन की उन्नत किस्म JS 20-98 के फायदे और खूबियाँ
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Kisaan Helpline

Crops May 15, 2025

भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसानों की आय और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए निरंतर शोध व नवाचार की आवश्यकता होती है। इन्हीं प्रयासों के तहत मध्यप्रदेश स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKVV) ने किसानों की वर्तमान समस्याओं और बदलते मौसम की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक नई सोयाबीन किस्म "soybean Variety JS 2098" को विकसित किया है।

 

यह किस्म न केवल पुरानी किस्मों के मुकाबले अधिक उत्पादन देने में सक्षम है, बल्कि यह विभिन्न रोगों व कीटों के प्रति भी अधिक सहनशीलता रखती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह नई किस्म किसानों के लिए क्यों एक आदर्श विकल्प बनती जा रही है।

 

JS 2098: अनुसंधान और विकास की कहानी

जेएनकेवीवी (JNKVV), जबलपुर, द्वारा विकसित यह किस्म कई वर्षों की गहन रिसर्च और क्षेत्रीय परीक्षणों के बाद जारी की गई है। यह किस्म किसानों की उन समस्याओं को ध्यान में रखकर विकसित की गई है, जो वे पुरानी किस्मों जैसे JS 335 या JS 93-05 में लगातार अनुभव कर रहे थे – जैसे कम उपज, कीट प्रकोप, रोगों की अधिकता, और मौसम की अनिश्चितता से प्रभावित होना।

 

soybean Variety JS 2098 को 27 मार्च 2018 को नोटिफिकेशन क्रमांक S.O. 1379(E) के तहत जारी किया गया था।

 

कहां-कहां अनुशंसित है JS 2098?

इस किस्म को मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड, मराठवाड़ा एवं विदर्भ जैसे क्षेत्रों के लिए बोनी हेतु अनुशंसित किया गया है। यह उन क्षेत्रों में भी अच्छी उपज देती है, जहां जलवायु या मिट्टी की स्थिति सामान्य नहीं होती।

 

फसल की विशेषताएं: एक नजर में

विशेषता
 विवरण
दाने का रंग     पीलाचमकदार
दाने की बनावटमध्यम गोलाकार (बोल्ड)
100 दानों का वजन 10.2 ग्राम
अंकुरण क्षमता   80–90%
फूलों का रंगसफेद
फलियों की संख्या 2–3 दाने वाली फलियां
फलिया चटकने की समस्या नहीं
पत्ती का रंग और आकारहरातीखी-सकरी
पौधे की ऊंचाई46–55 सेंटीमीटर (मध्यम ऊँचाई)
पौधे का स्वरूप अर्ध परिमित (सेमी डिटरमिनेट)सीधा मध्यम फैलाव
तेल की मात्रा 19.3%
प्रोटीन की मात्रा40–41%
फसल अवधिलगभग 94–96 दिन
औसत उत्पादन 25–30 क्विंटल/हेक्टेयर


उत्कृष्ट अंकुरण और पौधे की मजबूती

JS 2098 की अंकुरण क्षमता 80 से 90 प्रतिशत तक देखी गई है, जो कि बीज की गुणवत्ता को दर्शाती है। पौधे की बनावट मध्यम ऊँचाई की होती है जिससे यह हार्वेस्टर से कटाई के लिए उपयुक्त बनती है। इसकी पत्तियाँ तीखी और सकरी होती हैं तथा फली पर रोएं होते हैं जो इसे अन्य किस्मों से अलग बनाते हैं।

 

बुवाई की तकनीक और अनुशंसाएं

·         बीज दर: 75 किलो प्रति हेक्टेयर

·         कतार से कतार की दूरी: 14–16 इंच

·         पौधे की संख्या: आदर्श स्थिति में 4 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर

 

इस तरह की बुवाई से पौधे को पर्याप्त स्थान मिलता है, जिससे वह अच्छे से विकसित हो सकता है और भरपूर उपज दे सकता है।

 

मिट्टी और मौसम की अनुकूलता

यह किस्म हल्की, सामान्य और भारी जमीन में उगाई जा सकती है। यह सामान्य और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट उत्पादन देती है, जिससे यह किसानों के लिए एक बहु-स्थिति उपयोगी किस्म बन जाती है।

 

हार्वेस्टर से कटाई हेतु उपयुक्त

एक प्रमुख विशेषता इसकी मध्यम ऊँचाई और मजबूत डंठल है, जिससे यह हार्वेस्टर द्वारा कटाई के लिए उपयुक्त बनती है। ऐसे समय में जब मजदूरी की कमी और मौसम की अनिश्चितता एक चुनौती है, यह किस्म आधुनिक मशीनों से फसल कटाई को आसान बनाती है।

 

रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता

soybean Variety JS 2098 रोगों और कीटों के खिलाफ विशेष रूप से विकसित की गई है। यह किस्म निम्नलिखित रोगों व कीटों के प्रति प्रतिरोधी या सहनशील पाई गई है:

·         येलो मोज़ेक वायरस (YMV) – अत्यधिक घातक रोग जो उपज पर गहरा प्रभाव डालता है।

·         चारकोल रॉट (Charcoal rot) – जड़ सड़न की एक मुख्य वजह, अत्यधिक वर्षा में आम।

·         ब्लाइट्स (Blights) – पत्तियों और फलियों को नुकसान पहुंचाने वाला रोग।

·         बैक्टीरियल पस्ट्यूल – पत्तियों पर धब्बे और मृत कोशिकाएं।

·         लीफ स्पॉट – पत्तियों पर काले या भूरे धब्बे।

·         स्टेम बोरर और स्टेम फ्लाई – तने को नुकसान पहुंचाने वाले कीट।

यह किस्म बायोटिक (जीवाणु आधारित) एवं एबायोटिक (मौसमी और जलवायु आधारित) दबावों के प्रति भी काफी हद तक सहनशील है।

 

उत्पादन क्षमता और आर्थिक लाभ

अच्छे प्रबंधन और आदर्श परिस्थितियों में 25–30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है। कई क्षेत्रों में यह इससे भी अधिक उत्पादन दे रही है। इसके साथ-साथ उच्च तेल और प्रोटीन की मात्रा इसे बाज़ार में एक प्रीमियम विकल्प बनाती है, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकता है।

 

JS 2098 क्यों है एक आदर्श विकल्प?

·         पुरानी किस्मों की तुलना में जल्दी पकने वाली

·         कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर उपज

·         रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधक

·         हार्वेस्टर से कटाई योग्य

·         उच्च तेल व प्रोटीन प्रतिशत

·         फसल की अवधि कम – 94 दिन के भीतर तैयार

·         बाजार में अधिक मांग और बेहतर दाम की संभावना

 

किसानों के लिए सलाह: JS 2098 को अपनाएं और लाभ पाएं

यदि आप सोयाबीन की खेती करते हैं और पुरानी किस्मों से परेशान हैं तो यह समय है कि आप soybean Variety JS 2098 को अपनाएं। यह किस्म वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार की गई है और इसका प्रदर्शन खेतों में अत्यंत सफल रहा है।

 

इस किस्म की मांग बाजार में भी बढ़ रही है क्योंकि इसकी गुणवत्ता और उपज बेहतर है। ऐसे में यह किस्म किसानों की आमदनी बढ़ाने और फसल की स्थिरता लाने के लिए एक सशक्त विकल्प बनकर सामने आई है।

 

कृषि के क्षेत्र में बदलाव लाना एक सतत प्रक्रिया है और soybean Variety JS 2098 उसी का प्रमाण है। यह किस्म किसानों की आय, उत्पादन, और गुणवत्ता को नई ऊंचाई तक ले जाने की क्षमता रखती है। आने वाले समय में यह किस्म भारत के सोयाबीन उत्पादन को एक नई दिशा दे सकती है।

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