Kisaan Helpline
2025 का मॉनसून किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार मानसून समय से करीब पांच दिन पहले दस्तक देने जा रहा है। खास बात यह है कि 16 साल बाद पहली बार मानसून 1 जून की बजाय 27 मई को ही केरल पहुंचने की संभावना है, जिससे मध्य भारत सहित अन्य राज्यों में जल्दी बारिश शुरू होने की उम्मीद है।
कब पहुंचेगा मानसून
भारत में?
आमतौर पर मानसून 1 जून
को केरल पहुंचता है, लेकिन
इस बार मौसम विभाग ने बताया है कि 27 मई 2025 को ही मानसून
केरल तट से टकरा सकता है। इसके बाद मानसून पूर्व निर्धारित रूट से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश
होते हुए पूर्वोत्तर भारत की ओर बढ़ेगा। 5 जून
तक दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के ज्यादातर हिस्सों में मानसून पहुंचने की संभावना
जताई गई है।
मध्य प्रदेश में
मानसून की एंट्री कब और कहां से होगी?
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मध्य प्रदेश में मानसून आमतौर पर 15 जून तक
पहुंचता है, लेकिन
इस बार 12 से 15 जून के बीच
मानसून की एंट्री की संभावना है।
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सबसे पहले दक्षिणी जिलों - बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा में
बारिश शुरू होने के संकेत हैं।
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इसके बाद धीरे-धीरे मानसून पूरे राज्य में फैल जाएगा।
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राजधानी भोपाल में 17 जून
तक बारिश शुरू हो सकती है।
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पिछली बार मानसून ने 21 जून 2024 को मध्यप्रदेश
में एंट्री की थी और भोपाल में 23 जून
को पहली बारिश हुई थी।
कहां-कहां ज्यादा
बारिश के आसार?
मानसून की शुरुआत में कुछ जगहों पर भारी बारिश होगी, जबकि कुछ
क्षेत्रों में हल्की फुहारें देखने को मिल सकती हैं। दक्षिणी मध्यप्रदेश में पहले
झमाझम बारिश के संकेत हैं,
जिससे किसान खरीफ फसलों की बुवाई जल्दी शुरू कर सकेंगे।
सामान्य से अधिक बारिश
का अनुमान – किसानों के लिए बड़ी खबर!
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मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मध्य प्रदेश में 104-105% तक बारिश हो
सकती है, जो कि
सामान्य से 4-5% अधिक
है।
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राज्य की औसत वर्षा 949 मिमी
होती है, ऐसे
में इस साल लगभग 990-1000 मिमी
तक बारिश होने की उम्मीद है।
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यह खरीफ फसलों जैसे धान, सोयाबीन,
मक्का, मूंगफली
आदि के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।
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किसानों को बारिश से पहले खेत की तैयारी, बीज और खाद का
स्टॉक रखने की सलाह दी जाती है।
किसानों के लिए सलाह:
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खरीफ सीजन के बीज और खाद समय से पहले जुटाएं।
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जिन क्षेत्रों में बारिश जल्दी शुरू होने वाली है, वहां खेत की
जुताई का काम जल्द पूरा करें।
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वर्षा आधारित फसलों की बुवाई की योजना मौसम पूर्वानुमान के
अनुसार बनाएं।
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पहली बारिश के बाद बीज उपचार करके ही बुवाई करें, जिससे
बीमारियों से फसल को बचाया जा सके।
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बारिश के साथ कीट और रोगों पर भी निगरानी रखें।
2025 का
मॉनसून किसानों के लिए नई उम्मीद और राहत लेकर आ रहा है। समय से पहले मानसून की
दस्तक खरीफ फसलों की तैयारी को गति दे सकती है। साथ ही, सामान्य से
अधिक वर्षा का अनुमान जल संकट से जूझ रहे कई क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी साबित हो
सकता है। मौसम विभाग की अपडेट पर नजर बनाए रखें और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेकर
फसल की योजना बनाएं।