गेहूँ की किस्म - Wheat - HI 1479 (गेहूं - एचआई 1479 (स्वर्णा)) मध्य भारत की प्रमुख रबी फसल है, जो किसानों को उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ मजबूत और स्वस्थ पौधे प्रदान करती है। इस किस्म के दाने चमकीले और उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं, जो बाज़ार में अच्छी कीमत दिलाते हैं। एच.आई. 1479 खेती कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी स्थिर उपज देती है और विभिन्न प्रकार की मिट्टी में आसानी से उगाई जा सकती है। मजबूत पौधे और गिरने की कम संभावना इसे किसानों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बनाती है।
फसल सीजन:
रबी सीजन
बुवाई का समय:
15 अक्टूबर से 30 नवंबर तक
किस्म का नाम:
एच.आई. 1479 (स्वर्णा)
बीज की मात्रा:
100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (ड्रिल से बुवाई करने पर)
120 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (अगर छिटकवां विधि से बुवाई की जाए)
फसल अवधि:
लगभग 115–125 दिन में पकने वाली किस्म
उपज क्षमता:
सिंचित अवस्था में: 45–50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
असिंचित अवस्था में: 30–35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
खेती का क्षेत्र:
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्से
विशेषकर काली एवं दोमट मिट्टी वाले क्षेत्र
प्रतिरोधक क्षमता:
पत्ती झुलसा (leaf blight) तथा झुलसा रोग के प्रति सहनशील
खड़ी फसल गिरने (lodging) की संभावना कम
मुख्य विशेषताएं:
दाने लाल-भूरे रंग के, मध्यम आकार के और चमकदार
रोटी की गुणवत्ता अच्छी
बालियाँ लम्बी और भरपूर
गेहूँ की इस किस्म को "स्वर्णा" भी कहा जाता है क्योंकि इसका दाना सुनहरे रंग का होता है
अन्य विवरण:
समय पर बुवाई करने से अच्छी उपज प्राप्त होती है
मध्यम और अधिक पानी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त
इसकी मजबूत सहनशीलता और दानों की गुणवत्ता के कारण बाजार में अच्छी मांग रहती है