गेहूँ की किस्म – जे. डब्ल्यू 1142 (J.W 1142) मध्य भारत की लोकप्रिय किस्म है, जो अपनी अच्छी उपज, मजबूत पौधों और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है। जे. डब्ल्यू 1142 (J.W 1142) की विशेषताएं यह हैं कि यह विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में भी बेहतर उत्पादन देती है। किसानों के लिए यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाले दाने और स्थिर उपज का भरोसा देती है।
फसल सीजन:
रबी सीजन (Winter season)
बुवाई का समय:
15 अक्टूबर से 30 नवंबर तक
किस्म का नाम:
जे. डब्ल्यू 1142 (J.W 1142)
बीज की मात्रा:
100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
फसल अवधि:
लगभग 110–120 दिन में पकने वाली किस्म
उपज:
35–40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (सामान्य परिस्थितियों में)
अच्छे प्रबंधन पर और भी अधिक उपज संभव
खेती का क्षेत्र:
मध्य भारत के लिए उपयुक्त।
खासकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में उगाई जाती है।
पानी की आवश्यकता:
कम सिंचाई में भी अच्छी पैदावार देती है।
अधिकतम उपज के लिए समय-समय पर सिंचाई करनी चाहिए।
मुख्य विशेषताएं:
रोग प्रतिरोधक किस्म (विशेषकर पीलिया और झुलसा रोग के प्रति सहनशील)
अनाज चमकीले, मध्यम आकार के और अच्छी गुणवत्ता वाले
मजबूत व स्वस्थ पौधे, गिरने की संभावना कम
अलग-अलग प्रकार की मिट्टी और मौसम परिस्थितियों में उपयुक्त
कम सिंचाई में भी अच्छी उपज देने वाली
अन्य विवरण:
समय पर बुवाई करने से अधिक उपज प्राप्त होती है
सीमित पानी वाले क्षेत्रों के लिए लाभकारी
इसकी पिसाई और चमक के कारण बाजार में अच्छी मांग रहती है