गेहूँ की किस्म - Wheat - HI 1544 (गेहूं - एचआई 1544) एक मध्यम अवधि में पकने वाली गेहूं की उन्नत किस्म है जिसे विशेष रूप से रबी सीजन के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म सूखा सहनशील, अधिक उपज देने वाली और गिरने से प्रतिरोधक होती है। इसके दाने मोटे, चमकदार और सुनहरे रंग के होते हैं जो रोटी और दलिया के लिए उपयुक्त हैं।
फसल सीजन:
रबी सीजन
बुवाई का समय:
15 अक्टूबर से 30 नवंबर तक (क्षेत्र के तापमान और नमी के अनुसार)
किस्म का नाम:
एच.आई. 1544 (H.I. 1544)
बीज की मात्रा:
100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यदि ड्रिल विधि से बुवाई की जाए)
120 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यदि छिटकवां विधि से बुवाई की जाए)
फसल अवधि:
लगभग 115–120 दिन में पकने वाली किस्म
उपज क्षमता:
सिंचित अवस्था में: 42–46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
वर्षा पर आधारित खेती में: 32–36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
खेती का क्षेत्र:
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़
प्रतिरोधक क्षमता:
पीला रतुआ (Yellow Rust) के प्रति सहनशील
ब्राउन रस्ट और पाउडरी मिल्ड्यू से अच्छी सुरक्षा
ब्लास्ट रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधक
विशेषताएँ:
उच्च उपज देने वाली Improved Variety
मध्यम अवधि में पकने वाली
रोटी, दलिया और बेकरी उत्पादों के लिए उत्कृष्ट गुणवत्ता
मोटे, चमकदार व सुनहरे रंग के दाने
खेत में मजबूत तना, गिरने की संभावना कम
रोगों के प्रति सहनशीलता अधिक
सिंचित और असिंचित दोनों परिस्थितियों के लिए उपयुक्त
अन्य विवरण:
राज्य: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार
अनुमोदन वर्ष: अनुशंसा वर्ष – लगभग 2015 (मध्य प्रदेश क्षेत्र के लिए)
उपयुक्त जलवायु: ठंडी व शुष्क जलवायु में सर्वोत्तम उत्पादन
कटाई का समय: फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक