गेहूँ की किस्म: सी. 306 (C. 306) किसानों के बीच शरबती गेहूं के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी रोटी स्वादिष्ट और नरम होती है, इसी कारण इसका बाजार भाव भी अच्छा मिलता है। C306 गेहूं की किस्म क्या है? यह दरअसल एक शरबती गेहूं है जो गर्म इलाकों में भी अच्छा उत्पादन देता है। यदि आप सोच रहे हैं कि शरबती गेहूं C 306 की खेती कैसे करें, तो इसकी खेती (गेहूँ की किस्म: सी. 306 (C. 306) की खेत) अच्छे जल निकास वाली मिट्टी में करनी चाहिए। सही देखभाल से किसान गेहूँ की खेती से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
फसल सीजन:
● रबी सीजन (शुरुआती)
बुवाई अवधि:
● 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक
किस्म का नाम:
● सी. 306 (C. 306)
बीज की मात्रा:
● प्रति एकड़ 30 से 35 किलो बीज बुवाई के लिए पर्याप्त है।
उपज:
● औसतन 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन।
अवधि:
● फसल पकने में लगभग 135 से 140 दिन लगते हैं।
खेती का क्षेत्र:
● यह किस्म पूरे भारत में बोई जाती है और सभी राज्यों के लिए उपयुक्त है।
पानी की आवश्यकता:
● सामान्यतः वर्षा आधारित खेती में भी सफल।
● 1 से 2 सिंचाई देने पर उपज दोगुनी से ढाई गुनी तक बढ़ सकती है।
मुख्य विशेषताएं:
● यह एक गेहूँ की सबसे अच्छी किस्म मानी जाती है।
● चपाती बनाने के लिए अनाज का दाना बड़ा, चमकदार और स्वादिष्ट होता है।
● हालांकि यह किस्म रूट और गेरोआ रोग के प्रति संवेदनशील है।
अन्य विवरण:
● असिंचित क्षेत्रों में जहाँ केवल 1–2 बार सिंचाई की सुविधा है, वहाँ भी यह किस्म सफल रहती है।
● देर से बुवाई (10 नवंबर तक) में भी अच्छी पैदावार देती है।
● यह किस्म गर्मी और कम नमी को झेलने की क्षमता रखती है।