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31-05-2025तिल की खेती से कमाएं लाखों – जानिए पूरी जानकारी और फायदे
भारत में तिल की खेती को सदियों से “सोने के बीज” की खेती कहा जाता है। छोटा सा तिल का दाना न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि किसानों के लिए भी एक बड़ा मुनाफे का जरिया बन सकता है। खासतौर पर कम लागत और कम पानी में उगने वाली यह तिल की फसल सूखे और अर्ध-शुष्क इलाकों के लिए वरदान है। आइए जानते हैं कि तिल की खेती कैसे करें, क्या हैं इसके मुख्य फायदे, और कैसे किसान इससे लाखों की आमदनी पा सकते हैं।
तिल की खेती की विशेषताएं
कम लागत में ज्यादा मुनाफा – तिल की खेती में खाद, पानी और कीटनाशकों की जरूरत कम होती है, जिससे लागत काफी घट जाती है।
कम पानी में उगने वाली फसल – तिल को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। यह बरसात के मौसम या सूखी जमीन में भी अच्छी उपज देता है।
जलवायु अनुकूल फसल – यह फसल 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छे से होती है, जो भारत के कई राज्यों में सामान्य है।
तिल की खेती कैसे करें?
1. जलवायु और जमीन का चयन
तिल की खेती के लिए हल्की दोमट या रेतीली मिट्टी उपयुक्त रहती है।
मिट्टी का pH स्तर 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
2. बीज की बुआई का समय
खरीफ मौसम में बुआई जून से जुलाई के बीच करें।
रबी मौसम के लिए बुआई सितंबर से अक्टूबर तक की जा सकती है।
3. बीज दर और बुआई विधि
प्रति एकड़ 3-4 किलोग्राम बीज पर्याप्त होते हैं।
कतार से कतार की दूरी 30 सें.मी. और पौधों में 10-15 सें.मी. का अंतर रखें।
4. खाद और उर्वरक प्रबंधन
गोबर की खाद या जैविक खाद का उपयोग करें।
5. सिंचाई और देखभाल
आवश्यकता अनुसार 2-3 बार सिंचाई करें।
शुरुआती 20-25 दिन खरपतवार नियंत्रण के लिए अहम होते हैं।
कितनी होती है कमाई?
एक एकड़ जमीन से औसतन 4-6 क्विंटल तिल की उपज मिलती है।
बाजार में तिल का भाव ₹8,000 से ₹12,000 प्रति क्विंटल तक जाता है।
यानि कुल आमदनी ₹40,000 से ₹70,000 प्रति एकड़ तक हो सकती है।
यदि लागत ₹8,000-₹10,000 आए तो किसान को ₹30,000 से ₹60,000 तक शुद्ध मुनाफा मिल सकता है।
तिल की उन्नत किस्में
T-65 – अधिक उपज देने वाली किस्म
GT-10 – सूखा सहनशील और जल्दी पकने वाली किस्म
RT-125 – रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली किस्म
तिल की फसल में रोग और बचाव
तना गलन और पत्ती झुलसा जैसी बीमारियाँ आम हैं।
जैविक या नीम आधारित कीटनाशकों का प्रयोग करें।
समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।
क्यों चुनें तिल की खेती?
जलवायु परिवर्तन के दौर में तिल जैसी फसलें ज्यादा सस्टेनेबल हैं।
कम सिंचाई, कम निवेश, और तेल के लिए उच्च मांग इसे व्यापारिक दृष्टि से सफल बनाती हैं।
जैविक खेती करने वालों के लिए भी तिल बेहतरीन विकल्प है।
तिल की खेती न सिर्फ कम खर्च में ज्यादा आमदनी देती है, बल्कि यह फसल किसानों को मौसम और जलवायु के अनुकूल खेती करने का विकल्प भी देती है। यदि सही जानकारी और वैज्ञानिक विधि से इसकी खेती की जाए, तो कोई भी किसान इससे लाखों की कमाई कर सकता है।
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