ठंड बढ़ने पर चने की फसल के लिए जरूरी उपाय

ठंड बढ़ने पर चने की फसल के लिए जरूरी उपाय

सर्दियों के मौसम में चने की फसल तेजी से बढ़ती है, लेकिन जैसे-जैसे तापमान गिरने लगता है, फसल पर पाले (Frost), ठंडी हवाओं और नमी का खतरा बढ़ जाता है। यदि समय पर सही कदम न उठाए जाएँ तो अच्छी उपज भी कम हो सकती है। इसलिए किसानों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ठंड बढ़ने पर चने की फसल का कैसे सही प्रबंधन किया जाए।


ठंड चने की फसल को कैसे प्रभावित करती है?

ज्यादा ठंड में चने के पौधों में ये समस्याएं तेजी से दिखाई देती हैं:

  • पत्तियों का काला पड़ना या जलना

  • फूलों का झड़ना

  • बढ़वार रुक जाना

  • पौधे का कमजोर होना

  • फफूंदी और ब्लाइट जैसी बीमारियों का बढ़ना

4°C से नीचे तापमान जाने पर नुकसान ज्यादा होता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।

1. पाले से बचाव के मुख्य उपाय

हल्की सिंचाई करें

रात में तापमान गिरने से पहले हल्की सिंचाई करें।
इससे मिट्टी का तापमान बढ़ता है और पौधे पाले से सुरक्षित रहते हैं।

स्मजिंग (धुआँ) करें

सुबह सूरज निकलने से ठीक पहले खेत में हल्का धुआँ करें।
यह हवा को गर्म रखता है और फसल पर सीधा पाला नहीं जमने देता।


2. पोषक तत्व प्रबंधन

ठंड में पौधे कमजोर हो जाते हैं, इसलिए पोषक तत्वों का सही प्रबंधन जरूरी है।

पोटाश का उपयोग

पोटाश पौधे की ठंड सहने की क्षमता बढ़ाता है और फूल झड़ने से रोकता है।

अच्छा सॉइल कंडीशनर जरूर डालें

ठंड में मिट्टी सख्त हो जाती है और पोषक तत्वों की उपलब्धता कम हो जाती है।
इसी समय उत्तम गुणवत्ता का सॉइल कंडीशनर (जैसे कि कई किसान प्राकृतिक मल्टी-न्यूट्रिएंट कंडीशनर उपयोग करते हैं) मिट्टी को ढीला, उपजाऊ और पौधे के लिए अनुकूल बनाता है।  जिससे पौधे ठंड के मौसम में भी मजबूत बने रहते हैं।


3. ठंड में रोग नियंत्रण

ठंड और नमी बढ़ने पर चने में ये रोग ज्यादा फैलते हैं:

  • ब्लाइट

  • फफूंदी रोग (Fungal infection)

  • पत्तों का सूखना या जलना

4. खरपतवार नियंत्रण

ठंड के दिनों में खरपतवार तेजी से बढ़ते हैं और नमी छीन लेते हैं।
समय पर निराई-गुड़ाई करने से चने की फसल स्वस्थ रहती है।


5. खेत की निगरानी जरूरी

हर 2-3 दिन में खेत का निरीक्षण करें।
यदि पत्तियाँ सिकुड़ रही हों या जलने लगे तो तुरंत पाले से बचाव के उपाय अपनाएँ।

ठंड चने की फसल के लिए चुनौती बन सकती है, लेकिन सही समय पर सिंचाई, धुआँ, पोषक तत्व प्रबंधन, रोग नियंत्रण और अच्छे soil conditioner का उपयोग करने से फसल सुरक्षित रहती है और पैदावार भी बढ़ती है।
सर्दियों में चने की फसल की मोहब्बत से देखभाल करें—नतीजा जरूर बेहतर मिलेगा।


ठंड बढ़ने पर चने की फसल से जुड़े किसानों के सवाल

1. ठंड में चने की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान किससे होता है?

पाले और बहुत कम तापमान से पत्तियाँ जल जाती हैं और फूल झड़ जाते हैं।

2. पाला पड़ने पर सबसे पहला कदम क्या उठाएँ?

हल्की सिंचाई करें, यह पौधों को तुरंत सुरक्षित करती है।

3. क्या धुआँ करना वाकई फायदेमंद है?

हाँ, धुआँ गर्माहट पैदा करता है और पाला पौधों पर नहीं बैठने देता।

4. पोटाश ठंड में क्यों जरूरी है?

यह पौधों की सहनशीलता बढ़ाता है, जिससे फसल स्वस्थ रहती है।

5. कौन-से रोग ठंड में ज्यादा फैलते हैं?

ब्लाइट, फफूंदी और पत्ती जलना। इनसे बचाव के लिए समय पर छिड़काव करें।



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