किसान भाइयों के लिए खास जानकारी
सोयाबीन की खेती आज भारत के लाखों किसानों की आमदनी का बड़ा जरिया बन चुकी है। लेकिन जैसे-जैसे खेती बढ़ रही है, वैसे-वैसे सोयाबीन में लगने वाले रोग भी बढ़ते जा रहे हैं। अगर इन रोगों का समय पर इलाज न किया जाए, तो फसल में भारी नुकसान हो सकता है।
सोयाबीन की फसल में लगने वाले आम रोग कौन-कौन से हैं
इनका देसी और सस्ता इलाज क्या है? और कैसे आप कम खर्च में अच्छी उपज पा सकते हैं।
1. पत्तियों पर झुलसन रोग (Leaf Spot / Blight)
लक्षण:
पत्तियों पर छोटे-छोटे भूरे रंग के धब्बे बनते हैं
धीरे-धीरे पूरी पत्ती सूख जाती है
देसी इलाज:
10 लीटर पानी में 1 लीटर छाछ मिलाकर छिड़काव करें
नीम का काढ़ा (नीम की पत्तियों को उबालकर) सप्ताह में 1 बार छिड़कें
ट्राइकोडर्मा वर्ची (Trichoderma Viride) जैसे जैविक फफूंदनाशक का प्रयोग करें
बचाव:
खेत में जलजमाव न होने दें
पुराने रोगग्रस्त पौधों को जला दें
2. सफेद फफूंदी (White Mold)
लक्षण:
तनों पर सफेद कपास जैसी परत चढ़ जाती है
पौधा धीरे-धीरे मुरझा जाता है
देसी इलाज:
छाछ + नीम का तेल + लहसुन का रस मिलाकर छिड़काव करें
जैविक फफूंदनाशक जैसे Pseudomonas या Trichoderma का प्रयोग करें
बचाव:
पौधों में उचित दूरी रखें
कटाई के बाद खेत को गहराई से जोतें
3. एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose)
लक्षण:
तने और फली पर काले-भूरे रंग के धब्बे
पौधा सूख जाता है
देसी इलाज:
गौमूत्र + नीम का अर्क छिड़काव करें
जैविक कीटनाशक जैसे Agniastra या Brahmastra का उपयोग करें
बचाव:
प्रमाणित बीज का ही प्रयोग करें
फसल चक्र अपनाएं (हर साल फसल बदलें)
4. पीत रोग (Yellow Mosaic Virus)
लक्षण:
पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और बढ़ना बंद हो जाता है
पूरे खेत में धीरे-धीरे फैलता है
देसी इलाज:
लहसुन + अदरक + लाल मिर्च का रस मिलाकर छिड़काव करें
सफेद मक्खी से बचाव करें क्योंकि यह रोग फैलाने वाली मुख्य कीट होती है
बचाव:
पीली चिपचिपी ट्रैप लगाएं (Yellow Sticky Traps)
रोगग्रस्त पौधों को तुरंत खेत से निकाल दें
खेती में करें यह ज़रूरी काम:
अच्छी किस्म के बीज जैसे JS-2034, NRC 86 आदि का प्रयोग करें
खेत में समय पर निराई-गुड़ाई करें और संतुलित खाद डालें
सोयाबीन में लगने वाले रोग से डरने की नहीं, समझदारी से निपटने की ज़रूरत है। यदि आप समय रहते इन सोयाबीन के रोगों का देसी इलाज करें, तो ना केवल फसल बचा सकते हैं, बल्कि उपज भी बढ़ा सकते हैं।