सोयाबीन को डंपिंग ऑफ बीमारी से कैसे बचाएं?

सोयाबीन को डंपिंग ऑफ बीमारी से कैसे बचाएं?

सोयाबीन – एक भरोसे की फसल


सोयाबीन आज के समय में किसानों के लिए एक आर्थिक रूप से लाभदायक फसल बन चुकी है। यह न सिर्फ तेल और चारे का मुख्य स्रोत है, बल्कि इसकी खेती से किसानों को अच्छी आमदनी भी होती है। खासतौर पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में लाखों किसान हर साल सोयाबीन की खेती करते हैं।

लेकिन हर अच्छी फसल के साथ कुछ चुनौतियाँ भी आती हैं। उनमें से एक है – डंपिंग ऑफ (Damping-Off) नामक बीमारी, जो अक्सर बीज अंकुरण के शुरुआती दिनों में ही पौधों को नष्ट कर देती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो पूरा खेत प्रभावित हो सकता है।

डंपिंग ऑफ बीमारी क्या होती है?

डंपिंग ऑफ एक फंगल बीमारी है, जो मुख्य रूप से भीगी मिट्टी और ज्यादा नमी में पनपती है। यह बीमारी बीज के अंकुरण के समय या उसके कुछ दिनों बाद पौधों को सड़ा देती है।

बीमारी के लक्षण:


  • बीज अंकुरित होने के बाद पौधा धीरे-धीरे मुरझाने लगता है।

  • पौधों की जड़ काली या सड़ी हुई नजर आती है।

  • पौधा जमीन पर गिर जाता है, जैसे उसका सहारा ही खत्म हो गया हो।

  • एक ही जगह कई पौधे एक साथ गिरने लगते हैं।

यह बीमारी खासतौर पर लगातार बारिश, खेत में पानी भराव, और बीज उपचार न करने की वजह से होती है।

इस बीमारी से बचाव कैसे करें?

अब घबराने की जरूरत नहीं! इस बीमारी से बचने के लिए कुछ खास और असरदार दवाओं का इस्तेमाल कर आप अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।

 1. Thiophanate Methyl 70% WP

  • यह एक शक्तिशाली फफूंदनाशक है।

  • पौधे की अंदरूनी सड़न को रोकता है और उसे मजबूत बनाता है।

  • इसका उपयोग बीज उपचार और खेत में छिड़काव दोनों के लिए किया जा सकता है।

2. Azoxystrobin 23% SC

  • यह बीमारी को फैलने से पहले रोकने में मदद करता है।

  • फसल के शुरुआती दिनों में इसका छिड़काव बहुत लाभदायक होता है।

3. Carbendazim 12% + Mancozeb 63% WP

  • यह दो प्रभावशाली फफूंदनाशकों का मिश्रण है।

  • यह बीज और मिट्टी में मौजूद फंगस को नष्ट करता है।

  • बीज उपचार और खेत में छिड़काव, दोनों के लिए उपयुक्त है।

 किसान भाइयों के लिए आसान सुझाव:

  • बीज बोने से पहले बीज का उपचार जरूर करें

  • खेत में पानी भराव से बचें और अच्छी नाली की व्यवस्था करें।

  • भारी बारिश के बाद खेत में नमी की जांच जरूर करें

  • यदि किसी हिस्से में पौधे गिरने लगें तो तुरंत फफूंदनाशकों का छिड़काव करें

  • विश्वसनीय कंपनी की दवा और प्रमाणित बीज का ही प्रयोग करें।

 निष्कर्ष:

डंपिंग ऑफ कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, बस ज़रूरत है इसे समय पर पहचानने और उचित कदम उठाने की। सही दवा और थोड़ी सी सावधानी से आप अपनी सोयाबीन फसल को सुरक्षित और उपजाऊ बना सकते हैं।

याद रखें किसान भाई, सावधानी ही फसल की सुरक्षा है!


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