Kishor Dhakad
04-12-2025हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य किसानों को यह समझाना है कि— “यदि मिट्टी स्वस्थ है, तो फसल, किसान और देश-तीनों ही स्वस्थ रहेंगे।”
भारत में खेती का आधार मिट्टी है, लेकिन लगातार रासायनिक खादों का अत्यधिक प्रयोग, कम जैविक पदार्थ, असंतुलित पोषक तत्व और मिट्टी की गिरती गुणवत्ता बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। इसलिए इस World Soil Day पर सबसे बड़ा सवाल यही है-
क्या आपकी मिट्टी उतनी मजबूत है कि वह आपको बंपर उपज दे सके?
अगर नहीं…
तो अब समय आ गया है मिट्टी की असली ताकत को जगाने का।
अच्छी उपज सिर्फ बीज, पानी और दवाइयों से नहीं आती-
फसल की शुरुआत, विकास और उत्पादन सब कुछ मिट्टी ही तय करती है।
यदि मिट्टी कमजोर है, तो चाहे कितनी भी मेहनत कर लें, उत्पादन संतोषजनक नहीं होगा।
इसीलिए किसानों को अपनी मिट्टी को “फसल का पावरहाउस” बनाना चाहिए।
अब जानिए वे 5 Soil Secrets जो किसी भी खेत की मिट्टी को फिर से ताकतवर बना सकते हैं।
अच्छी खेती की शुरुआत मिट्टी की सही पहचान से होती है।
सोचिए-अगर हमें पता ही नहीं कि मिट्टी में कौन-से पोषक तत्व कम हैं, तो खाद और उर्वरकों का सही उपयोग कैसे करेंगे?
Soil Testing से फायदे:
पता चलता है कौन-सी खाद कितनी देनी है
खर्च कम होता है
उत्पादन बढ़ता है
मिट्टी स्वस्थ रहती है
हर किसान को साल में कम से कम एक बार मिट्टी की जांच जरूर करवानी चाहिए।
मिट्टी में Organic Matter की कमी सबसे बड़ी समस्या है।
कम जैविक पदार्थ-कम उपज-ज्यादा लागत
Organic Matter बढ़ाने के तरीके:
गोबर की अच्छी तरह सड़ी खाद
हरी खाद (Green Manure)
कम्पोस्ट
फसल अवशेष को न जलाना
इतना करने से मिट्टी मुलायम, उपजाऊ और नमी-संरक्षण करने वाली बनती है।
फसल का शरीर मिट्टी से ही बनता है।
यदि मिट्टी में N-P-K, जिंक, सल्फर, आयरन, कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों का संतुलन नहीं होगा, तो फसल कमजोर हो जाएगी।
Balanced Nutrition से मिलता है:
स्वस्थ पौध विकास
मजबूत जड़ें
रोगों से सुरक्षा
बंपर पैदावार
आजकल कई किसान मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए मृदा सुधारक (Soil Conditioner) इस्तेमाल कर रहे हैं। ये मिट्टी को ढीला, उपजाऊ और पोषक तत्वों को पकड़े रहने योग्य बनाते हैं।
उदाहरण के तौर पर, बाज़ार में कई अच्छे soil conditioner उपलब्ध हैं,
जिनमें से Tata Dhurvi Gold जैसे उत्पाद किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
यह मिट्टी को उपजाऊ बनाने, पौधों को संतुलित पोषण देने और उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।
एक ही फसल बार-बार लगाने से मिट्टी थक जाती है और पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ जाता है।
Crop Rotation से फायदे:
मिट्टी को आराम मिलता है
पोषक तत्व संतुलित रहते हैं
कीट और रोग कम लगते हैं
उत्पादन बढ़ता है
उदाहरण: गेहूं - मूंग - धान
चना - सोयाबीन - गेंहू
किसान भाईयों के लिए यही सबसे बड़ा संदेश है-
“मिट्टी को स्वस्थ रखिए, फसल खुद-ब-खुद लहलहाएगी।”
आज का समय तकनीक का है, लेकिन खेती की असली ताकत अब भी वही है- उपजाऊ मिट्टी,
संतुलित पोषण, बेहतर प्रबंधन, और सही खेती के निर्णय।
सबसे पहले मिट्टी की जांच करवाएँ, उसके बाद रिपोर्ट के अनुसार खाद और उर्वरकों का प्रयोग करें।
हाँ, अगर मिट्टी कड़ी, कमजोर या पोषक तत्वों में असंतुलित है तो Soil Conditioner मिट्टी को सुधारने में बहुत मदद करता है।
यह एक Soil Conditioner का उदाहरण है। उपयोग की मात्रा मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करती है—सही मात्रा के लिए पैकेट पर दिए निर्देश ज़रूर देखें।
यदि किसान लगातार organic matter, सही खाद, और crop rotation अपनाते हैं, तो 1–2 सीजन में मिट्टी में बड़ा सुधार दिखने लगता है।
नहीं!
NPK के साथ सूक्ष्म पोषक तत्व (जिंक, सल्फर, बोरोन आदि) भी ज़रूरी हैं। संतुलित पोषण से ही उत्पादन बढ़ता है।
World Soil Day हमें याद दिलाता है कि फसल की असली जड़ मिट्टी ही है।
अगर मिट्टी कमजोर है, तो मेहनत, समय और लागत, सब व्यर्थ हो जाते हैं।
लेकिन यदि मिट्टी मजबूत है, तो किसान को मिलता है- स्वस्थ फसल, बेहतर उत्पादन, कम लागत, ज्यादा मुनाफा
इसलिए आज ही से अपनी मिट्टी को मजबूत बनाइए, क्योंकि मिट्टी बचेगी तो खेती भी बचेगी!
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