गर्मी के बाद मिट्टी की जांच और सुधार के आसान तरीके

गर्मी के बाद मिट्टी की जांच और सुधार के आसान तरीके

गर्मी के बाद मिट्टी की जांच और सुधार के आसान तरीके

गर्मी के मौसम के बाद खेत की मिट्टी की गुणवत्ता अक्सर गिर जाती है। तेज धूप, बार-बार सिंचाई, और खेती के दौरान रासायनिक उपयोग से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे में अगर किसान भाई समय रहते मिट्टी की जांच और सुधार नहीं करते, तो अगली फसल में उत्पादन घट सकता है।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गर्मी के बाद मिट्टी की जांच कैसे करें, मिट्टी को कैसे उपजाऊ बनाएं और उपज बढ़ाने के लिए मिट्टी का सुधार किन सरल तरीकों से किया जा सकता है।

मिट्टी जांच क्यों जरूरी है?

मिट्टी की जांच (Soil Testing) से हमें यह पता चलता है कि मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व (nutrients) कम हैं, पीएच स्तर कितना है और किस फसल के लिए मिट्टी उपयुक्त है। बिना जांच के खाद या उर्वरक डालना समय, मेहनत और पैसों की बर्बादी हो सकती है।

मिट्टी की जांच कैसे करें? 

सही समय चुनें:
मिट्टी की जांच फसल कटने के 15-20 दिन बाद करें। गर्मी के बाद यानी जून-जुलाई का समय उचित होता है।

नमूना कैसे लें:
खेत के अलग-अलग हिस्सों से 6-8 इंच गहराई तक की मिट्टी निकालें।
सभी जगहों की मिट्टी मिलाकर एक नमूना तैयार करें।
मिट्टी को छांव में सुखाकर, साफ थैली में भरें और नजदीकी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (Soil Testing Lab) में भेजें।

रिपोर्ट समझें:
मिट्टी रिपोर्ट में नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटाश (K), पीएच, कार्बन आदि के स्तर बताए जाते हैं।

मिट्टी सुधार के आसान तरीके


 जैविक खाद का प्रयोग करें:

गोबर की सड़ी हुई खाद, वर्मी कम्पोस्ट, और हरी खाद (धैन्चा, सन आदि) मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाते हैं।

नीम की खली और ह्यूमिक एसिड:

नीम की खली मिट्टी को कीट मुक्त बनाती है और ह्यूमिक एसिड से पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।

फसल चक्र 

हर बार एक ही फसल बोने से मिट्टी थक जाती है। दालें, मोटे अनाज और हरी खाद को फसल चक्र में शामिल करें।

मल्चिंग करें:

मिट्टी को सूखने से बचाने के लिए घास या पॉलिथीन की मल्चिंग करें।

सल्फर, जिंक और बोरोन जैसे सूक्ष्म तत्वों का प्रयोग करें:

मिट्टी में इनकी कमी आम है। मिट्टी जांच के अनुसार इनका सही मात्रा में प्रयोग करें।

मिट्टी सुधार के फायदे

फसल की पैदावार में बढ़ोतरी
खाद और पानी की बचत
मिट्टी की बनावट और संरचना में सुधार
फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

किसान भाई क्या करें?

हर साल गर्मी के बाद मिट्टी की जांच जरूर करवाएं
प्रयोगशाला की सलाह के अनुसार संतुलित उर्वरक और जैविक खाद का उपयोग करें।
मिट्टी को उपजाऊ बनाने वाले देसी तरीकों को अपनाएं, जैसे मल्चिंग, फसल चक्र और हरी खाद।


गर्मी के बाद मिट्टी की देखभाल करना अगली फसल की अच्छी उपज की नींव है। थोड़ा सा समय निकालकर अगर किसान मिट्टी जांच और सुधार के उपाय करें, तो कम लागत में ज्यादा उत्पादन पाना संभव है। उपजाऊ मिट्टी ही खुशहाल किसान की पहचान है।


Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline