Kishor Dhakad
07-10-2025किसान भाइयों, अक्टूबर का महीना वह समय होता है जब मौसम बदलता है और इस बदलाव का सीधा असर हमारी फसलों पर पड़ता है। तापमान में उतार-चढ़ाव, नमी की कमी, और बेमौसम बारिश जैसी परिस्थितियाँ फसलों में रोगों, कीटों और गुणवत्ता से जुड़ी कई चुनौतियाँ लाती हैं।
अक्टूबर का सामान्य मौसम
तापमान: दिन का तापमान 25°C से 35°C तक और रात में लगभग 15°C तक गिरावट।
नमी: हवा में नमी धीरे-धीरे कम होने लगती है जिससे खेत जल्दी सूखते हैं।
वर्षा: मानसून विदा लेता है, पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी संभव रहती है।
हवा: ठंडी हवाएँ चलने लगती हैं जिससे फसलों पर ओस (dew) का प्रभाव बढ़ जाता है।
खरीफ की कटी हुई फसलें जैसे धान, मूंग, बाजरा और कपास बेमौसम बारिश से खराब हो सकती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है।
अक्टूबर में सामान्य से अधिक वर्षा होने पर सरसों, चना, मटर और आलू जैसी रबी फसलों की बुवाई प्रभावित होती है।
बारिश से हरी सब्जियों में कीट व इल्लियां लगने का खतरा रहता है। प्याज और लहसुन जैसी फसलों में कवक रोग (fungal diseases) बढ़ सकते हैं, जबकि टमाटर और मिर्च में गलन रोग की संभावना रहती है।
किसानों के लिए जरूरी सावधानियां
यदि खरीफ की फसलें काट ली गई हैं, तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर सुखाकर रखें ताकि बारिश से नुकसान न हो।
यदि सरसों की बुवाई में देरी हो रही है, तो किसान मक्का या चना जैसी वैकल्पिक फसलों को प्राथमिकता दें।
जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं, वे सब्जियों की खेती करके आर्थिक हानि की भरपाई कर सकते हैं क्योंकि सब्जियां जल्दी तैयार होती हैं।
आंकड़ा: वर्ष 2024 में बदलते मौसम के कारण लगभग 30% फसलों को नुकसान पहुँचा था।
बारिश के बाद खेतों की सफाई करें और पौधों के संक्रमित हिस्सों को हटा दें। इससे रोगों का प्रसार रुकता है। रोगरोधी (disease-resistant) किस्मों का चयन करें।
ऐसे बीज चुनें जो जलवायु-प्रतिरोधी और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप हों।
खेत में नमी बनाए रखने के लिए हल्की जुताई और मल्चिंग करें।
ओस या ठंड से फसलों को बचाने के लिए रात में धुआं करना (Smoke Treatment) उपयोगी होता है।
कीटों (aphids, thrips आदि) और रोगों की नियमित निगरानी (monitoring) करें।
धान की कटाई के बाद खेत को साफ करें ताकि कीटों का प्रकोप न हो।
पशुओं के रहने की जगह सूखी और गर्म रखें।
सुबह-शाम पशुओं को ठंडी ओस से बचाएं।
उन्हें साफ व गुनगुना पानी पिलाएं।
टीकाकरण और परजीवी नियंत्रण समय पर करवाएं।
अक्टूबर का महीना किसानों के लिए संक्रमण काल होता है — एक ओर खरीफ की फसलों की कटाई, तो दूसरी ओर रबी की तैयारी। इस समय थोड़ी सी लापरवाही फसल, बीज और पशुधन को नुकसान पहुँचा सकती है। अगर किसान मौसम के संकेतों को समझें, मौसम पूर्वानुमान का पालन करें और उचित सावधानियाँ बरतें, तो यह समय अधिक उत्पादन और लाभ का अवसर बन सकता है।
1. अक्टूबर में किन फसलों की बुवाई करनी चाहिए?
अक्टूबर माह में रबी फसलें जैसे गाजर, मूली, चुकंदर, और फूलगोभी बोई जाती हैं।
2. सिंचाई का तरीका क्या होना चाहिए?
इस समय मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, इसलिए हल्की सिंचाई ही पर्याप्त रहती है।
3. किन रोगों से सावधान रहें?
रबी फसलों में मिट्टी जनित रोग जैसे चने-अरहर की उकठा और ज्वार की डून कानी आम हैं। साथ ही, मक्का व बाजरा में कीट हमले का खतरा रहता है।
4. मृदा में कितनी नमी आवश्यक है?
रबी फसलों के लिए मिट्टी में लगभग 50% या उससे अधिक नमी जरूरी होती है, जिससे उत्पादन में 15-20% तक वृद्धि हो सकती है।
5. रोगों की पहचान कैसे करें?
फसलों में रोग पहचानने के लिए किसान AI Tool या मोबाइल ऐप का प्रयोग कर सकते हैं और तुरंत उपचार कर सकते हैं।
Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.
© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline